खरीक के जामा मस्जिद इमदादिया मदरसा पूर्वी घरारी के इमाम मौलाना मो. अफरोज़ साहब नहीं रहे. वे 60 वर्ष के थे. शुक्रवार को सुबह 10 बजे उन्होंने अपने पैतृक आवास पर अंतिम सांस ली. अफरोज साहब के इंतकाल की खबर से पूरा इलाका शोक में डूब गया. उनकी पहचान एक अच्छे वक्ता, घर्म गुरू और समाजसेवी के रूप में थी.
अफरोज साहब के निधन की सूचना मिलते ही उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिये उनके आवास पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया. शुक्रवार को ही मगरिब नमाज के बाद खरीक कब्रिस्तान में उन्हें मिट्टी दी गयी.
उनके निधन पर राजद के जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो मोहीउद्दीन, वरिष्ठ राजद नेता मुखिया मनोज मंडल उर्फ महेश फौजी, मुफ्ती अब्दुल गफूर साहब,अरुण राही, जाकिर साहब, मो शाहबाज, मो शमीम, उस्मानपुर के मुखिया मो. आबिद अंसारी, कमरूज्जमा अंसारी, सरपंच सनाउल्लाह अंसारी, शिक्षक नजाकत अंसारी, तौफीक आलम, आजाद अंसारी, पूर्व मुखिया मन्नान, ऐनूल, आरिफ, फारुक आदि ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अफरोज साहब का असामयिक निधन समाज के लिये बहुत बड़ी क्षति है.