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बिहार में गरीब रोजगार कल्याण अभियान के जरिए प्रवासी श्रमिकों को काम मिलने में तेजी आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 20 जून को की थी। इसके जरिए विभिन्न विभागों में श्रमिकों को काम देने के लिए 1 लाख 21 हजार 108 योजनाओं का चयन हुआ और अबतक राज्य में 1 करोड़ 51 लाख 75 हजार 500 मानव दिवस का सृजन हो चुका है।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान कोरोना संकट के कारण अन्य राज्य से बिहार वापस आए प्रवासी मजदूरों व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और जीविका के साधन मुहैया कराने में मील का पत्थर साबित होगा। इस योजना के जरिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत पूरे राज्य में विभिन्न विभागों में ली गई योजनाओं में से लगभग 40 हजार योजनाएं पूर्ण हो चुकी है। बिहार में इस योजना के जरिए 16 हजार 408 करोड़ 6 लाख रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।


10671 जीविका दीदियों को मिला काम
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जीविका के माध्यम से भी रोजगार सृजन किया जाना है। राज्य में सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन और अन्य सुरक्षात्मक पहल के लिए मनरेगा से संबंधित कार्यों में 10671 जीविका दीदियों को संलग्न किया गया है। उनको ‘मनरेगा मेट’ के रूप में भी काम दिया जा रहा है।

4375 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का होगा निर्माण
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य में 4375 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया जाएगा। इससे लगभग 50 हजार से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित होगा। इस काम के लिए अन्य राज्यों से आए भवन निर्माण कार्यों से जुड़े 5600 कुशल, अकुशल मजदूर और कारीगर को चयनित किया गया है। अबतक 90 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया जा चुका है, जबकि 4285 सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माणाधीन है। इससे लाखों भूमिहीन गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए शौचालय उपलब्ध हो जाएगा और उन्हें खुले में शौच से मुक्ति मिलेगी।

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