भागलपुर : कच्ची कांवरिया पथ पर नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के स्वरूप वाली 10 फीट ऊंची और 200 किलो वजनी कांवर आकर्षण का केंद्र बन गई है। झारखंड के चाईबासा के नीलकंठ समिति के 15 कांवरिया इस भव्य कांवर को लेकर देवघर के लिए रवाना हो चुके हैं। जगह-जगह इस कांवर के साथ सेल्फी लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में भगवान शिव के भक्तों की भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कष्ट सहते हुए बाबा की नगरी पहुंचते हैं। इसी कड़ी में कच्ची कांवरिया पथ पर तारापुर के हरपुर के पास यह अद्भुत नजारा देखने को मिला। समिति के अध्यक्ष अमन साव ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से वे लोग अलग-अलग प्रतिमा की कांवर बनाकर बाबा को जल अर्पित करते आ रहे हैं। इस वर्ष उन्होंने नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की आकृति का कांवर बनाया है। इसे बनाने में एक महीने का समय लगा और इसमें एंगल, रोला, बांस की चटाई, थर्माकोल आदि का इस्तेमाल किया गया है।
कांवर के निर्माण के बारे में अमन साव ने बताया, “कच्ची कांवरिया पथ में वृक्ष होने की वजह से हम इस कांवर को उस ओर से नहीं ले जा सके। इसे चार कांवरिया खींचकर ले जा रहे हैं। हमारे जत्थे में 15 कांवरिये हैं। इस कांवर की ऊंचाई 10 फीट और वजन 200 किलो है। इसे बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा। सुल्तानगंज से जल भरकर हम बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने बाबा धाम जा रहे हैं।”
कांवर के अद्भुत स्वरूप और इसके पीछे की मेहनत ने इसे कांवरिया पथ पर सभी के आकर्षण का केंद्र बना दिया है।