भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के सन्हौली पंचायत में दस लाख रुपये की लागत से बना जिमखाना अब मवेशियों का तबेला बनकर रह गया है। यह जिमखाना पंचायत की योजना से युवाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बनाया गया था। जब यह जिमखाना स्थापित किया गया था, तो पंचायत के युवा काफी उत्साहित थे। लेकिन कुछ ही महीनों में यह उत्साह मायूसी में बदल गया।
यह जिमखाना सरकारी राशि के दुरुपयोग का एक स्पष्ट उदाहरण बन गया है। तीन साल के भीतर ही इसकी हालत इतनी खराब हो गई है कि अब इसे जानवरों के तबेले के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिमखाना में अब सिर्फ खंभे और कुछ पोल ही बचे हैं, बाकी सभी सामग्री गायब है।
पंचायत सचिव रामलखन वैद्य ने बताया कि यह जिमखाना उनके योगदान से पहले ही बनाया गया था और उन्हें इसके बजट और निर्माण वर्ष की स्पष्ट जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिम का कुछ सामान खराब हो गया था, जिसके बाद से इसकी यह हालत हो गई।
वहीं, बीडीओ रघुनंदन आनंद ने बताया कि यह योजना वर्ष 2022 की है और मामले की जानकारी मिलने के बाद टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है, जिससे पंचायत के युवा और नागरिक बेहद निराश हैं।