BHAGALPUR : वर्तमान में आपके सामने जो तस्वीर है, वह किसी भूतिया महल से कम नहीं है। यह खंडहर भवन 150 साल पुराना है, जिसकी जर्जर स्थिति देखकर कोई भी दंग रह जाएगा। पूरे महल के चारों तरफ पेड़ उग आए हैं और दरारें पड़ गई हैं। बावजूद इसके, इस भवन में भागलपुर का बस स्टैंड का कार्यालय चल रहा है।
एक तरफ जहां भागलपुर में स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट बसों की बातें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर शहर को एक स्मार्ट बस स्टैंड भी मयस्सर नहीं है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का भागलपुर रिजनल कार्यालय जर्जर हालत में है। यह भवन अंग्रेजों के जमाने का है और लगभग 150 साल पुराना है। इसमें बड़े-बड़े बरगद और पीपल के पेड़ उग आए हैं और दरारें पड़ गई हैं। इसके बावजूद, करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी और रीजनल ऑफिसर इस भवन में कार्यरत हैं।
बस स्टैंड की बदहाली की बात करें तो यहां ना तो शेड है और ना ही पीने के पानी की उचित व्यवस्था। बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। आईसीआईसीआई की ओर से यहां आरओ सिस्टम तो लगाया गया है, लेकिन उसके लिए सबमर्सिबल नहीं है। प्रतिदिन लाखों रुपये की कमाई के बावजूद इस बस स्टैंड की स्थिति दयनीय है। यहां से बीएसआरटीसी की बसें बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, अररिया और अन्य जिलों के लिए खुलती हैं।
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम भागलपुर शाखा के रीजनल मैनेजर पवन शांडिल्य ने कहा, “भवन निर्माण विभाग के डीजीएम से बात हुई थी और निरीक्षण भी किया गया था। भवन तो बहुत पुराना है और बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। सब कुछ में सुधार की जरूरत है। भीषण गर्मी में पानी की गंभीर समस्या है। दो चापाकल हैं, दोनों सूख चुके हैं, और बाहर के पानी पर निर्भर हैं।”