बिहपुर:बुधवार को देश की प्रथम शिक्षिका क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फूले की 193 वीं जयंती प्रखंड के मड़वा पूरब पंचायत के मवि कारगिल निषाद टोला औलियाबाद में मनाया गया।इस मौके पर राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस समारोह सह शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी आयोजित किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीईओ रामजी राय और मुखिया उषा निषाद ने राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले के चित्र पर संयुक्त रूप से पुष्पांजलि अर्पित व दीप प्रज्वलित करके किया।जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में शिवनंदन सिंह,छोटेलाल सिंह,सुनील उर्फ पुल्ठी चौधरी ने भी पुष्प अर्पित किया।कार्यक्रम का संचालन सुजीत कुमार सुमन व अध्यक्षता विद्यालय शिक्षा समिति की अध्यक्ष संगीता देवी ने किया।इस मौके पर बीईओ श्री राय ने कहा की शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुपालन करते हुए सभी शिक्षक कार्य करें।जिससे की बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।तभी जाकर माता सावित्री बाई फूले का संघर्ष सार्थक साबित होगा और उनका सपना साकार हो सकेगा।वहीं मवि पछियारी टोला औलियाबाद के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार दीपक सावित्रीबाई फूले के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की उनके विचार आज भी वर्त्तमान समय में प्रासंगिक है।श्री दीपक ने शैक्षिक परिचर्चा पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा के महत्व से सभी अभिभावकों और बच्चों को अवगत कराया।मुखिया उषा निषाद ने माता सावित्री बाई फूले की कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके बारे में बोलना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है।महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में 1831 में जन्मी माता सावित्री ने महाराष्ट्र में महिला शिक्षा को जागृत करने करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।वहीं उन्होंने 1848 ई. में महिलाओं को शिक्षित व सशक्त बनाने के उददे्श्य से महाराष्ट्र के पुणे में पहला बालिका स्कूल की स्थापना करवाई थी।वे देश के पहले बालका स्कूल की प्रधानाध्यापिका व पहले किसान स्कूल की संस्थापिका भी थी।आयोजन समिति के बिहारी सिंह,जयहिंद,गुड्डू, सौरभ,अंकित ,सदानंद समेत विद्यालय के प्रभारी कुमार सुशील,शिक्षक संजीव कुमार,नोटिस पासवान,दीपक मौर्या,सुमन कुमारी,नीलम कुमारी,धनेश्वर ठाकुर,कौशिक महतो,पूजा कुमारी आदि ने भी अपने विचारों को रखा।कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण छात्र/छात्राओं के साथ महिला अभिांवकों की बड़ी संख्या में उपस्थित थे।