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लॉकडाउन में दुकानें तो खुल गई लेकिन लोग चीन में बने उत्पाद को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हाल यह है कि यहां के चाइना मिनी मार्किट में दो से ढाई करोड़ का चाइनीज सामान डंप है।

भागलपुर: गलवान घाटी की घटना को हुए करीब ढाई महीने हो गए। भारत-चीन के बीच अभी भी तनाव की स्थिति है। सिल्क सिटी के लोग भी चीन की करतूत से खफा हैं। चीन की कायरता को भूल नहीं पा रहे हैं। चीन को लेकर शहरवासियों का आक्रोश अभी भी पहले की तरह है और अपना गुस्सा चीन निर्मित सामान को बहिष्कार कर उतार रहे हैं। लॉकडाउन में दुकानें तो खुल गई, लेकिन लोग चीन में बने उत्पाद को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हाल यह है कि यहां के चाइना मिनी मार्किट में दो से ढाई करोड़ का चाइनीज सामान डंप है।

शहर में चाइनीज सामान की बिक्री घटकर महज आठ फीसद रह गई है। दुकानदार बताते हैं कि लोग अब चाइनीज सामान खरीदना नहीं चाहते हैं। बिक्री कम होने से  शहर में चीन के उत्पाद बेचने वाले करीब सौ दुकानदारों की कमर टूट गई है। वर्षों से चीन उत्पाद को बेचकर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। कई दुकानदार करोड़ों का डंप चाइनीज सामान कैसे निकलेगा यह सोचकर घबरा रहे हैं। दरअसल, भागलपुर शहर में चाइनीज सामानों की बिक्री की दो मार्केट में होती है। सौ के करीब वर्षों से इस धंधे में जुड़े हैं। लॉकडाउन से पहले यहां हर महीने 35 से 40 लाख रुपये का चाइनीज उत्पाद की बिक्री होती है। लगन और दीवाली के समय बिक्री बढ़ जाती है। लॉकडाउन के बीच दुकानें खुलीं तो ग्राहकों की संख्या कुछ कम हुई। लोगों ने चीन उत्पाद से मुंह ही मोड़ लिया।

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