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नवगछिया- राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ नवगछिया के निर्णयानुसार संवत यानी होलिका दहन 24 मार्च को रात्रि 10:38 एवं 25 मार्च को चैत्र प्रतिपदा को कुलदेवी पूजन विधिवत कर होली रंगोत्सव त्योहार मनाया जाएगा। यह निर्णय सार्वजनिक क्षेत्र हेतु हितकारी रहेगा। इस निर्णय को लेने में डॉ० श्रवण शास्त्री, यज्ञाचार्य पंडित ललित शास्त्री, अजीत पाण्डेय, नीरज शास्त्री, नंदलाल तिवारी आदि ने सामूहिकता पूर्वक लिया।

क्यों मनाते हैं होली

होली बुराई पर धर्म की जीत की कहानियों से गूंजती है।ऐसी ही एक किंवदंती भगवान कृष्ण और राधा के बीच के मधुर बंधन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो विविधता के बीच एकता का प्रतीक है। इस पौराणिक कहानी के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शरारती भावना से, खेल-खेल में राधा रानी के चेहरे पर रंग लगाया, जिससे होली की परंपरा की शुरुआत हुई।

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