भागलपुर: सरकार की सख्ती से अब जेएलएनएमसीएच में कोरोना मरीजों का इलाज वरीय डॉक्टरों की देखरेख में किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उमेश सिंह कुमावत ने तीसरी बार पत्र देकर वरीय डॉक्टरों को ड्यूटी देने का निर्देश दिया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दो दिनों के अंदर रोस्टर ड्यूटी बनाकर दें, ड्यूटी चार्ट सरकार को भी भेजी जाएगी। तीनों पालियों में सहायक और सह प्राध्यापक की ड्यूटी लगाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कोरोना मरीजों का इलाज वरीय डॉक्टरों से करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अधीक्षक को पिछले तीन माह में दो बार पत्र दिया था। लेकिन हकीकत में इसे लागू नहीं किया गया। पत्र में प्रधान सचिव ने इस बात का जिक्र किया था कि कोरोना मरीजों का इलाज केवल जूनियर डॉक्टरों से करवाया जा रहा है। यह उचित नहीं है। क्योंकि उन्हें इलाज करने का अनुभव नहीं है। यही वजह है कि कोरोना मरीजों की लगातार मौत भी हो रही है। इस आशय का तीसरा पत्र प्राचार्य और अधीक्षक को पुन: दिया। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश लागू करवाने की जिम्मेवारी भी दी गई।
प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने कहा कि जिस यूनिट में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाएगा, उस यूनिट के सहायक और सह प्राध्यापक तीनों पालियों में मानीटरिंग करेंगे। इसके लिए अस्पताल अधीक्षक को बैठक में निर्देश दिया गया है। बैठक में अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. कुमार गौरव और नोडेल पदाधिकारी डॉ. हेम शंकर शर्मा थे।