बिहपुर पुलिस ने थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह की अगुवाई में बिहपुर प्रखंड के जयरामपुर से 34 वर्षों से चार हत्या के मामले में फरार चल रहे एक शातिर कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार कर लिया.ये शातिर अपराधी पुलिस से बचकर छिप कर जयरामपुर में एक घर में रह रहा था.बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया की ये स्थायी वारंटी रवींद्र उर्फ कारे चौधरी साकिन जयरामपुर है.इस पर करीब तीन दशक पुर्व जब जयरामपुर में फाइटर व लाइटर गुप हुआ करता था.
उस समय रवींद्र फाइटर ग्रुप का सदस्य था.इस पर 1989 में जयरामपुर में हुई दो हत्या में नामजद है.वहीं 1990 में एक हत्या का नामजद आरोपी है.रवींद्र उर्फ कारे चौधरी पर मधेपुरा जिले के रतवारा थाने में 1991-1992 के मध्य में हुई हत्या में मामले में फरार चल रहा है.रवींद्र ने 34 वर्षों से पुलिस की आंखों में धूल झोककर छिप रहा था.लेकिन वह बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह के पैनी निगाहों से नही बच सका.वहीं रवींद्र कितना कुख्यात है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की बिहार के.
तत्कालीन डीजीपी आरएसभट्टी 1992 में मार्च से जून तक बिहपुर थाने में प्रशिक्षु एसपी के रूप में तैनात थे.रवींद्र की उस समय जयरामपुर व आसपास में तूती बोलती थी.रवींद्र उर्फ कारे चौधरी ने राजो महतो की हत्या जयरामपुर में किया था.बबलू महतो की हत्या नन्हकार गंगा घाट के किनारे किया था.कारू महतो की हत्या महंत स्थान चौक एनएच31 पर किया था एवं सुभाष महतो को मधेपुरा के रतवारा दियारा में जिंदा जला दिया था। तीन दशक बाद कारे चौधरी पुलिस के हत्थे चढ़ा.