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भागलपुर: समाहरणालय स्थित सामाजिक सुरक्षा कोषांग विभाग में नवगछिया के एक 80% दिव्यांग धीरज कुमार पिछले एक महीने से 32 किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार से मिलने वाली बैटरी चालित साइकिल के लिए वह कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली।

धीरज ने बताया कि वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं और उनके घर की आर्थिक स्थिति भी खराब है। घर में शौचालय तक नहीं है और परिवार का कोई सदस्य कमाने वाला नहीं है। ऐसी स्थिति में वह अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
धीरज ने बताया कि जब भी वह अधिकारियों से मिलने पहुंचते हैं, उन्हें हर बार नए बहाने और दस्तावेजों की मांग का सामना करना पड़ता है। इस दौरान, भागलपुर से नवगछिया तक की पैदल यात्रा में उनके पैरों में चोट भी लग चुकी है। घाव उनके संघर्ष की कहानी बयां करते हैं, लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं दिखता।
अधिकारियों का कहना है कि संबंधित कागजात पूरे होने के बाद ही धीरज को बैटरी चालित साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि, धीरज का दावा है कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा कर दिए हैं।
अब सवाल यह है कि 80% दिव्यांग धीरज को उनकी जरूरत की सुविधा कब मिलेगी?

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