नवगछिया के खगड़ा में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के आठवें दिन सामुहिक रूप से हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ किया गया । जैसे ही भजन सम्राट डा. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी ने पाठ करना शुरू किया, उसकी आवाज सुनकर दो-तीन मिनट के अंदर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज कथा मंच पर पहुंच गए। स्वामी आगमानंद ने कहा कि अगर मैं दीपक भैया को नहीं सुन पाता तो यह मेरे लिए दुर्भाग्य होता। उन्होंने कहा कि कथा कहने से ज्यादा लाभ कथा सुनने में है। इसलिए मैं आज स्वयं हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ का श्रवण करने पहुंच गया। सामुहिक पाठ में प्रो डा. मिहिर मोहन मिश्र सुमन जी, डा. वरुण कुमार मिश्र, दिलीप शास्त्री, मनोज कुमार, अमरेश, कुंदन बाबा, शंभू नाथ झा, अभिषेक मिश्र, सतीश आदि शामिल हुए। ‘कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम पाहीं। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, अनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्, प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखि कोसलपुर राज।
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी आदि चौपाई जिस समय पढ़ी जा रही थी, सभी भावविभोर हो गए। सभी राम व हनुमान की भक्ति में डूब गए। इसके बाद आरती कीजै हनुमान लला की हुई। सुमन जी ने आए हो संसार में, जपले तू सीता राम भजन गाए। स्वामी आगमानंद ने कहा कि श्रीरामचरितमानस का सबसे प्रभावशाली अध्याय सुंदरकांड है। गोस्वमी तुलसीदास ने इस अध्याय में जितने श्लोक, छंड, चौपाई, दोहा, सोरठा आदि लिख हैं, वह किसी मंत्र से कम नहीं है। कभी भी संकट हो तो आप सुंदरकांड पढ़ लें, कल्याण होगा। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। देर शाम कथा सुनाते हुए स्वामी आगमानंद ने लंका दहन के दृश्य का बेहतरीन वर्णण लिया। इसके बाद सीता का संदेश लेकर राम तक पहुंचे। इस आठ के आठवें दिन का समापण राम-रावण युद्ध के प्रसंग के साथ हुआ। बुधवार को राम के अयोध्या आने और उत्तरकांड पर चर्चा होगी। डा. आशा तिवारी ओझा ने भी रामकथा कही। इससे पूर्व मानस कोकिला कृष्णा मिश्रा ने भी कथा सुनाई थी।
जन्मोत्सव पर आज होंगे कई कार्यक्रम
बुधवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। खगड़ा में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रामनवमी को ही स्वामी आगमानंद जी का भी अवतरण दिवस है, इस दिन आयोजन समिति ने उनके भी जन्मोत्सव को साथ में मनाने का निर्णय लिया है। बुधवार को सुबह आठ से रात्र 12 बजे तक कार्यक्रम होंगे। कई विद्वान वक्ताओं का संबोधन होगा। गुरु चरण की पूजा होगी। भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का दौर चलता रहेगा।