भागलपुर। कहलगांव में वर्ष 2022 में बेटी के कमरे से रात को किसी गैर को निकलते देख गुस्से में उसकी हत्या कर देने मामले में पिता दीपनारायण रजक, मां टीना देवी और उनके सहयोगी मुहम्मद फैजल को दोषी ठहराया गया है।
आठ मई को सुनाई जाएगी सजा
एडीजे-14 विवेक कुमार की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान बेटी की हत्या का दोषी पाते हुए सजा सुनाने के लिए आठ मई, 2024 की तिथि तय कर दी है। घटना कहलगांव थानाक्षेत्र के अकबरपुर गांव की थी। सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक मुहम्मद अकबर अली खां ने बहस में भाग लिया।
बेटी से नाम पूछते रहे मां-बाप, नहीं बताने पर घोंट डाला था गला
बेटी सुमन कुमारी के कमरे से किसी गैर को निकलते देख गुस्से से लाल पिता ने उससे पूछा था कि जो कमरे से निकलकर तेजी से भागा वह कौन था। उसका नाम बताओ। लेकिन बेटी उसका नाम बताने के बजाय चुप्पी साध ली थी।
तब पिता गुस्से से उसकी पिटाई करने लगे। उस दौरान तेज आवाज सुन मां टीना देवी भी वहां पहुंच गई। उसने भी बेटी को नाम बताने को कहा था। लेकिन मां के सवालों का भी जवाब नहीं दिया तो दोनों उसकी पिटाई करते हुए गला घोंट मार डाला था।
शरीर के किए कई टुकड़े
बेटी के दम तोड़ने के बाद उसके शव को छिपाने की नीयत से अपने करीबी मुहम्मद फैजल को बुलाया। उसने तेज धारदार हथियार से मृत सुमन के शरीर के कई टुकड़े किए। फिर तीनों ने शव को बोरे में कस कर पोखर में फेंक दिया था।
तब साक्ष्य छिपाने के लिए तीनों ने अकबरपुर गांव के हरेराम पांडेय के पोखर में बोराबंद शव को फेंक दिया था। लेकिन स्थानीय चौकीदार योगेश पासवान ने शव को पोखर से बरामद कर लिया था।
मामले में उसी के लिखित बयान पर 27 फरवरी 2022 को कहलगांव थाने में केस दर्ज किया गया था। दर्ज केस में अज्ञात अपराधियों को आरोपित बनाया गया था। पुलिस तब जांच तेज की तो बहुत जल्द पुलिस ने कातिलों को बेनकाब कर दिया था।