बिहार कृषि विश्वविद्यालय के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ
भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आज प्रारंभ हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण और आजादी से अमृतकाल तक ग्रामीण विकास की यात्रा पर परिचर्चा है। इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन बीएयू, सबौर के मुख्य सभागार में महामहिम राज्यपाल माननीय राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के कर-कमलों द्वारा विधिवत रूप से किया गया। उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष के रूप में बीएयू, सबौर के कुलपति माननीय डॉ. डी. आर. सिंह रहे।
इस संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। आयोजन बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और एक्सेलेंट विजन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। इसके संयोजक बीएयू, सबौर के अधिष्ठाता (कृषि), डॉ. अजय कुमार साह थे। मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता रामाशीष सिंह मौजूद रहे।
सेमिनार में अमेरिका, नेपाल, श्रीलंका तथा भारत के वैज्ञानिक, शिक्षक, शोधकर्ता, विद्यार्थी, प्रगतिशील किसान और उद्यमी शामिल थे, जिनकी कुल संख्या 500 से अधिक थी। भारत के कुल 10 राज्य और 6 कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिभागी इस संगोष्ठी में शामिल रहे। संगोष्ठी में कुल 5 विश्वविद्यालय के कुलपति और एनआईटी, दुर्गापुर के निदेशक भी उपस्थित रहे। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में आजादी से अमृतकाल तक की विकास यात्रा पर विवेचन और कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु चर्चा की गई।
संगोष्ठी में 12 बिंदुओं पर विशेष चर्चा
संगोष्ठी में कुल 12 मुख्य बिंदुओं पर विचार विमर्श हुआ, जैसे कि मानव एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, नवाचार तकनीक द्वारा भविष्य में ग्रामीण विकास की संभावनाएँ, जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में ग्रामीण विकास, मोटे अनाज की आर्थिक संभावनाएँ, इत्यादि।
कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु वैज्ञानिक विश्लेषण करना था, जिससे कि अमृतकाल के आगामी 25 वर्षों तक की नीतिगत फैसलों के लिए कारगर और प्रासंगिक सुझाव व दिशा-निर्देश तय किए जा सकें। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से देश-विदेश के वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकों पर ध्यानार्कषण भी किया गया, जिससे बीएयू को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी।
महामहीम राज्यपाल ने कहा गांव को गांव रहने दें, शहरी परिवेश में ना ढालें
दो दिवसीय संगोष्ठी में पहुंचे बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि गांव को गांव रहने दें, शहर बनाने की कोशिश ना करें। गांव में सारी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं, लेकिन शहरी परिवेश का जन्म ना हो, इस पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने पर सरकार विशेष कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो योजना है, वह जल्द ही धरातल पर उतरेगी।