नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में एक अंधविश्वास भरा मामला सामने आया है जहां एक 10 महीने की बच्ची की मृत्यु के बाद उसे जिंदा करने का दावा किया गया। इस मामले की शुरुआत शुक्रवार को हुई जब बच्ची हंसिका कुमारी को नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज के लिए लाया गया था। बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर होने के कारण उसे बिहार के भागलपुर जिले में एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी मृत्यु घोषित कर दी। मामले में एक दिन पूर्व एक बच्ची की मृत्यु बीमारी के वजह से हो गई थी। जिसे परिवार वालों ने मिट्टी में दफन कर दिया था। लेकिन झाड़-फूंक करने वाली ओझा के चक्कर में आकर परिवार वालों ने मृत बच्ची को जमीन से निकाल कर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाकर जमकर हंगामा किया और बच्ची के जिंदा होने की बात कही।
मामला यही तक नही रुका झाड़-फूंक करने वाली महिला ने अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर वहां भी मृत हो चुकी बच्ची का झाड़-फूंक के जरिए जिंदा करने का दावा करने लगी।नवगछिया आदर्श थाना क्षेत्र के नोनिया पट्टी के रहने वाले भगवाना महतो की 10 महीने पुत्री हंसिका कुमारी का पिछले दो दिनों से नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा है. जहां शुक्रवार को उसकी तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे परिजन भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गया. जहां डॉक्टरों ने बच्ची की मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिवार वाले उसे नवगछिया लाकर करीब 4 बजे शाम में मिट्टी में दफन कर दिया था. लेकिन झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी ने दावा किया की मेरे शरीर पर भगत आते है उन्होंने ही कहा है तुम्हारी बच्ची जिंदा है उसे अस्पताल ले कर चलो मैं मृत हो चुकी बच्ची को जिंदा कर दूंगी.
जिसके बाद परिवार वाले उसके झांसे में आ गए और मिट्टी में दफन बच्ची को जमीन से निकाल कर सैकडों की संख्या में ग्रामीणों के साथ अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए और वहां डॉक्टरों से कहा की बच्ची जिंदा है और इसे ऑक्सीजन दीजिए और झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हीं बच्ची का फूल और पानी से झाड़-फूंक करने लगी और जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया की बच्ची की मौत हो चुकी है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक के द्वारा नवगछिया थाना को फोन किया. जिसके बाद पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत किया गया ।