कई गांव की सड़कों, घरों और सैकड़ों एकड़ जमीन को लिया अपने आगोश में
बिहार की शोक नदी कही जाने वाली कोसी नदी हर साल कहर बरपाती है। भागलपुर के नवगछिया अनुमण्डल से गुजरती कोसी नदी ने इस वर्ष भी कई गांव के सैकड़ों घरों और सैकड़ों एकड़ जमीन को अपने आगोश में समा लिया है। कोसी अपना किनारा काटने को आमादा है और भागलपुर नवगछिया के खरीक प्रखंड अंतर्गत सिंहकुण्ड गाँव के अस्तित्व को मिटाने के लिए विकराल रूप धारण कर चुकी है।
कोसी की धारा इस कदर भयावह हो गई है कि जमीन और घर कटकर कोसी की धारा में विलीन हो रहे हैं। हर साल यही हालात रहते हैं, और हर घंटे 5 से 7 फीट जमीन कटकर कोसी में विलीन हो रही है। ग्रामीण भयभीत हैं और रतजगा कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के प्रति आक्रोश भी व्यक्त किया है।
यह गाँव कोसी नदी से घिरा है और यहाँ आने का साधन केवल नाव है। दूसरी ओर से गुजरने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है, बावजूद इसके जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं है। सांसद अजय मंडल इन दिनों सदन में हैं, उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि सिंहकुण्ड में कटावरोधी कार्य किया जा रहा है।
कटावरोधी कार्य हो तो रहे हैं, लेकिन किस तरह हो रहे हैं यह सांसद को जानने की जरूरत है। कटाव के नाम पर बांस काटकर कोसी में गिराया जा रहा है और बालू भरी बोरियां डाली जा रही हैं, जो कोसी की तेज धारा में बह जा रही हैं। सांसद महोदय की नींद तब खुली है जब कोसी आक्रोश में है। अगर महीने-दो महीने पहले मजबूती से कटावरोधी कार्य कराए गए होते तो यह हालात नहीं होते। अब यह कार्य ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। अब तक न प्रशासन और न कोई जनप्रतिनिधि यहाँ सुध लेने पहुँचे हैं।