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आगामी श्रावणी मास को लेकर स्थानीय गंगाघाटों पर दिन प्रति दिन गंगा स्नान करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गंगा में जलस्तर बढ़ने से स्न्नार्थियों की थोड़ी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है। हम बात कर रहे हैं मधुरापुर स्थित गंगा जहाज घाट की, जो अपनी गहराई के कारण खतरनाक घाट बना हुआ है। बैरिकेडिंग नहीं होने से कभी भी डूबने जैसी बड़ा हादसा हो सकता है।

यहां नियमित सैकड़ों लोग स्नान करते हैं। खासतौर पर श्रावण के महीने में यहां श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ होती है। यहां से गंगाजल भरकर लोग सोमवार को मड़वा स्थित बाबा ब्रजलेश्वर धाम में जलाभिषेक करने जाते हैं। स्थानीय लोगों की माने तो घाट के किनारे से महज पांच-आठ मीटर की दूरी पर गहराई है। लोग सावधानी से स्नान नहीं करेंगे या लापरवाही बरतेंगे तो डूबने की संभावना अधिक होगी।

यहां प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के रविवार की रात्रि लगभग दस हजार से अधिक लोग स्नान करके गंगा जल भरकर मड़वा ब्रजलेश्वर धाम में प्रत्येक सोमवार को जल चढ़ाने जाते हैं। स्थानीय लोगों के साथ-साथ पड़ोसी जिले के लोग भी यहां से जल उठाकर मड़वा जाते हैं, हालांकि अधिकांश श्रद्धालु अगुवानी गंगाघाट से जल उठाते हैं। लोग मधुरापुर जहाज घाट पर बैरिकेडिंग करने की बात कह रहे हैं, जिससे लोगों को घाट पर गहरे पानी के बारे में जानकारी मिल सके।

घाट की साफ-सफाई व रौशनी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को असुविधा होती हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि श्रावण में रविवार की रात्रि नाव सहित गोताखोर की भी तैनाती की जाए। असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए गंगाघाट पर पुलिस बल की तैनाती की मांग की जाती रही है। जीएस न्यूज क्षेत्र के लोगों से अपील करता है कि घाट पर सावधानीपूर्वक स्नान करें, खासकर बच्चों का विशेष ध्यान रखें।

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