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नारायणपुर : सावन की दूसरी सोमवारी के मौके पर मधुरापुर गंगा जहाज घाट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रशासनिक पदाधिकारी और दंडाधिकारी पूरी टीम के साथ घाट पर मौजूद थे, जहां बैरिकेडिंग और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।

रात के समय कुछ नवयुवक बैरिकेडिंग पार कर स्नान करने लगे, जिसे देख अन्य लोग भी बैरिकेडिंग के पार जाने लगे। प्रशासनिक अधिकारियों के मना करने के बावजूद भीड़ नियंत्रित नहीं होने पर उन्हें पानी में घुसकर हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई। बैरिकेडिंग पार करने वालों को लगातार गश्ती कर रहे कर्मियों द्वारा सावधान किया जा रहा था।

कुछ नवयुवकों ने बैरिकेडिंग का एक हिस्सा उखाड़ दिया, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन प्रशासनिक कर्मी चौकस रहे। बैरिकेडिंग के पास स्थानीय गोताखोर और आपदा मित्र नाव के साथ तैनात थे। प्रतिबंधित स्नान स्थल की तरफ कड़ी निगरानी रखी गई थी।

सुबह कुछ लोग जबरन स्नान करने के लिए बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें वापस बुलाकर बैरिकेडिंग के भीतर स्नान करने का आग्रह किया। एसडीपीओ नवगछिया ओमप्रकाश, सीओ विशाल अग्रवाल, प्रभारी आरओ भरत कुमार झा, थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर महेश कुमार, राजस्व कर्मचारी अमित कुमार, फहीम दास, श्रवण दास, पंकज कुमार, आपदा मित्र, गोताखोर, स्वयंसेवक और एंबुलेंस चालक रंजीत मंडल आदि रात से सुबह तक मौजूद रहे।

चकरामी और बलाहा गंगाघाट पर भी दंडाधिकारी तैनात थे। लोगों का कहना है कि अगर ऐसी व्यवस्था और अधिकारियों की तैनाती पिछले सावन की पहली सोमवारी को होती, तो चार जानें नहीं जातीं। ज्ञात हो कि पिछले सोमवार को गंगा में डूबने से नवगछिया अनुमंडलीय क्षेत्र के चार नवयुवकों की मौत हो गई थी।

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