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सर्वर डाउन और नेटवर्क फैल होने से घँटों लाइन मे खड़े रहते हैं मरीज

नवगछिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओपीडी में ऑनलाइन काम किए जाने के जारी निर्देश से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पर्ची से लेकर हर तरह के कार्य ऑनलाइन होने से मरीजों के उपचार व जांच के लिए घंटों अस्पताल में इंतजार करना पड़ता है। बिहपुर के करीब चालीस गांवों व इलाकों के मरीजों का उपचार बिहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में मरीज की पर्ची हाथ से बनाई जाती थी। जिसमें मरीज का नाम, उम्र को अंकित किया जाता था। पुराने सिस्टम के चलते मरीजों को पर्ची बनवाने में ज्यादा समय नहीं लगता था लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ओपीडी में ऑनलाइन पर्ची से लेकर अन्य काम को ऑनलाइन कर दिया गया है।

गुरूवार को सौ से अधिक मरीज अस्पताल पहुंचे जहां 4 घँटे कभी नेटवर्क तो कभी सर्वर डाउन होते रहा। ऑनलाइन ऑपरेटर केशव कुमार ने बताया कि अस्पताल में दो वाईफाई कनेक्शन लगा है। वाईफाई का नेटवर्क नही मिलने से दिक्ततें होती है। डॉक्टर के मोबाइल में कनेक्ट करके कार्य पूर्ण किया जाता है। इस प्रक्रिया ने मरीजों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। मजबूरन उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। बताया जाता है कि अस्पताल में आने वाले मरीज का रिकार्ड ऑनलाइन किए जाने के चलते कंप्यूटर से पर्ची बनवाना, फाल बनाना, बिलिग सहित अन्य काम भी ऑनलाइन कर दिए गए हैं।

इतना ही नहीं पर्ची बनवाते समय मरीज का नाम, उम्र, पिता का नाम, पूरा पता, बीमारी का नाम, मोबाइल नंबर सहित कई चीज जरूरी कर दिए गए हैं। बता दें कि नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में मरीजों को बेहतर सुविधा देने वाला बिहपुर सीएचसी अस्पताल है, जहां पर रोजाना करीब दो सौ से अधिक मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। यहां डॉक्टर 24 घँटे उपलब्ध रहते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते मरीजों की बड़ी-बड़ी कतारें लग गई, जिससे मरीजों को पर्ची बनवाने को लेकर घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। मरीजों ने कहा, ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण डॉक्टर और मरीज दोनो का समय बर्बाद होता है।

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