नवगछिया: ”शिवशक्ति योगपीठ” में आयोजित ”श्रावण-झूलनोत्सव” सह ”रूद्राभिषेक महोत्सव” के अंतर्गत चौथे दिन का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। मंच पर ब्रह्मचारी बाबा, संगीत के मर्मज्ञ विद्वान मृत्युंजय कुंवर, पं. चंद्रकांत, पं. प्रेम शंकर भारती, प्रो. (डॉ.) ज्योतीन्द्र चौधरी, और गीतकार राजकुमार सहित कई विद्वानों ने अपने विचार प्रकट किए और प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रो. (डॉ.) ज्योतीन्द्र चौधरी ने अपने उद्गार में कहा कि सच्चा गुरु भक्त ही निर्विकार होकर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकता है। पं. प्रेमशंकर भारती ने ईश्वर भक्ति का महत्व बताते हुए कहा कि ईश्वर स्वयं उन भक्तों की रक्षा करते हैं जो उनकी सेवा में लीन रहते हैं।
संगीत मर्मज्ञ मृत्युंजय कुंवर ने झूलन लीला को श्रीकृष्ण और श्रीराधा के शाश्वत प्रेम का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसका अनुभव सच्चे गुरु के माध्यम से ही किया जा सकता है। गीतकार राजकुमार ने अपनी गीत रचनाओं से वातावरण को मधुमय करते हुए कहा कि परमहंस स्वामी आगमानंद जैसे सिद्ध सद्गुरु का आवागमन जनकल्याण के लिए ही होता है।
भजन गायकों में सुबोध, केशव, और अजित ने बीच-बीच में भजनों से माहौल को भक्तिमय बनाए रखा। हारमोनियम पर शोक महाराज, बेंजो पर केशव, और तबला पर बबलू धर्मानंद ने अपनी संगत से आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
इस पुनीत अवसर पर योगपीठ के समर्पित सेवकों में कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह, स्वामी मानवानंद, शिवनारायण पोद्दार, बंशीधर यादव, और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। महाप्रसाद वितरण से लेकर अतिथियों और श्रद्धालुओं की सेवा-भक्ति में मिल्टन, रमण, राजेश, मनीष, धर्मेंद्र, दयानंद, सुमन, केशव, और अन्य कई सेवक भक्ति भाव से समर्पित रहे। मंच संचालन सुमन भरद्वाज ”पुष्पा” ने किया।