नवगछिया: बिहार सरकार जहां एक ओर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ शिक्षक अपनी लापरवाही से इन प्रयासों को धूमिल कर रहे हैं। हाल ही में नवगछिया मंडल के गोपालपुर प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय सिंधिया मकंदपुर में एक शिक्षक का फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस फोटो में शिक्षक कक्षा चार में पढ़ाने के बजाय कुर्सी पर हाथ में मोबाइल लिए बच्चों के सामने सोते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना का विवरण:
प्राथमिक विद्यालय सिंधिया मकंदपुर, जो 14 नंबर रोड के बिल्कुल पास स्थित है, में यह घटना हुई। बुधवार को कक्षा चार में मासिक परीक्षा के दौरान, शिक्षक ने बोर्ड पर प्रश्न लिखकर बच्चों को उत्तर देने का निर्देश दिया। इसके बाद, वे कुर्सी पर बैठकर बच्चों के सामने ही गहरी नींद में सो गए। उसी दौरान किसी ने उनका फोटो खींच लिया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। देखते ही देखते यह तस्वीर वायरल हो गई और शिक्षक की लापरवाही पर चर्चा का विषय बन गई।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:
घटना के संबंध में ग्रामीण राजीव चौधरी ने बताया कि उनका घर विद्यालय के पास ही है और वहां अक्सर शोरगुल की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी शोरगुल के बीच शिक्षा कैसे संभव है। राजीव चौधरी ने इस घटना की सूचना जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे दी है।
प्रधानाध्यापक और शिक्षक की सफाई:
वायरल फोटो पर प्रतिक्रिया देते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिवाकर कुमार सिंह ने कहा कि यह फोटो उनके विद्यालय का ही लगता है और संभवतः यह घटना कक्षा चार में मासिक परीक्षा के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि उस समय वे अपने कार्यालय में थे और विद्यालय के कार्यों में व्यस्त थे, इसलिए उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी।
दूसरी ओर, आरोपी शिक्षक ने सफाई दी कि बच्चों को सवाल लिखने के बाद वे थोड़ी देर के लिए झपकी ले रहे थे। उनका उद्देश्य सोना नहीं था और इस फोटो को गलत समझा गया है।
सोशल मीडिया पर आलोचना:
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होने के बाद लोगों ने शिक्षक और विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पर जमकर आलोचना की है। कुछ लोगों ने इसे शिक्षा के स्तर पर बड़ा आघात बताया है, जबकि अन्य ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों से त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल:
यह घटना न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है बल्कि बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डालने वाली है। यह देखना बाकी है कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाते हैं।