भागलपुर जिला के सबौर प्रखंड अंतर्गत ममलखा पंचायत के वार्ड एक में नलजल योजना के तहत बनाया गया जलमीनार महज 10 सेकेंड में गंगा नदी में ध्वस्त हो गया। यह हादसा गंगा के तीव्र कटाव के चलते हुआ, जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।
सबौर प्रखंड के गंगा किनारे बसे गांवों में कटाव की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। रजंदीपुर से शंकरपुर के बीच गंगा के दक्षिण किनारे स्थित रजंदीपुर, संतनगर, फरका, इंग्लिश, और मसादु सहित कई गांव इस कटाव की चपेट में आ चुके हैं। फरका पंचायत के वार्ड तीन और सात में कटाव लगातार जारी है, जिससे वहां के निवासियों में भय व्याप्त है।
ग्रामीणों के अनुसार, लगभग दो दर्जन घर कभी भी गंगा में समा सकते हैं। इन घरों के निवासियों ने अपना आशियाना छोड़कर अन्यत्र शरण ली है। हालांकि, प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें अब तक किसी भी सरकारी सहायता का लाभ नहीं मिला है। वे सरकारी उपेक्षा का शिकार महसूस कर रहे हैं और गहरे डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि उनके पुनर्वास और सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जा सके। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए क्षेत्र में जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू करने की आवश्यकता है, अन्यथा हालात और बिगड़ सकते हैं।