नवगछिया के खरीक में ध्रुवगंज गांव में हिंदी दिवस के अवसर पर शिवशक्ति योगपीठ के तत्वावधान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन धर्मानंद कुंवर के यहां किया गया। स्वामी आगमानंद की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम ने गांव में हिंदी भाषा, भक्ति और संगीत का अनूठा समागम प्रस्तुत किया। यह गांव में अपने आप में एक अभिनव प्रयोग था, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
स्वामी आगमानंद ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब भक्ति की प्रगाढ़ता होती है, तो कंठ अवरुद्ध हो जाता है और आंखों से आंसू अनायास बहने लगते हैं। उन्होंने कहा कि वह भजन श्रेष्ठ होता है, जो मनुष्य के दिल को छू जाता है और वाक्य वही श्रेष्ठ होता है, जो मनुष्य में उत्साह का संचार करता है।
आगे उन्होंने बताया कि विश्व की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है और हिंदी उसी से निकली है। हिंदी संस्कृत की बेटी है और इसमें भारत की कई क्षेत्रीय भाषाएं समाहित हैं। हिंदी विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, बशर्ते इसका सही सर्वेक्षण हो। उन्होंने हिंदी के तीन स्वरूपों का भी उल्लेख किया – संपर्क भाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा। हिंदी संपर्क भाषा तो है ही, दक्षिण से पूर्वोत्तर तक हिंदी को लोग बोलते और समझते हैं। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा तो मिल गया, लेकिन राजनीतिक अवरोधों के कारण इसे राजभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया। स्वामी आगमानंद ने कहा कि यदि हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिल जाता, तो भारत दुनिया का सबसे श्रेष्ठ देश होता।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए और हिंदी दिवस पर हिंदी को याद करना केवल औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि इसे हृदय से अपनाना चाहिए। ध्रुवगंज गांव में इस तरह का कार्यक्रम होना सौभाग्य की बात है, जिससे लोगों में मातृभाषा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
कार्यक्रम में प्रो. डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक ने अपने भजनों से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने भक्ति के माध्यम से प्रेम और समर्पण की भावना को प्रकट किया।
परिचर्चा में पं. आमोद कुमार मिश्र, डॉ. ज्योतिंद्र चौधरी, पं. शंभु शरण शास्त्री, राजकुमार, स्वामी मानवानंद, मनोरंजन प्रसाद सिंह ने अपने सारगर्भित विचार रखे। उन्होंने हिंदी भाषा की महत्ता और इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
इस मौके पर रूपौली के विधायक शंकर सिंह, स्वामी शिव प्रेमानंद, पं. प्रेमशंकर भारती, कुंदन बाबा, मृत्युंजय कुंवर, सुबोध, सुधीर चौधरी, शिव शरण पोद्दार, विनय कुमार परमार और मुरारी मिश्र सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मंच संचालन चंदन कुमार ने किया और कार्यक्रम का संयोजन पुष्पा ने संभाला। भारी बारिश के बावजूद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे, जिससे इस आयोजन की सफलता को और बढ़ावा मिला।