सहरसा।भारतीय संस्कृति के अनुसार 17 सितंबर को प्रतिवर्ष विश्वकर्मा जयंती का मनाया जाता है। भारतीय मजदूर संघ स्थापना काल से ही 17 सितंबर को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाते आ रहा है। भगवान विश्वकर्मा जी को उद्योग यांत्रिकी वास्तुकार शिल्पी एवं श्रम के देवता के रूप में जाना जाता है। आम जनमानस द्वारा भी इस दिन श्रम दिवस के रूप में पूजा अर्चना किया जाता है। पूर्व से ही भारतीय मजदूर संघ भारतीय संस्कृति के अनुसार 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित कर भारतीय संस्कृति के संवर्धन में अपना योगदान अर्पित करें।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के द्वारा सभी जिला मंत्री ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला अधिकारी को को सौपा गया। जिला मंत्री सुभाष चंद्र झा ने बताया कि श्रम के आराध्य देवता भगवान विश्वकर्मा विश्व के सभी मजदूरों के प्रेरणा स्रोत है। हमारे देश में अंग्रेजों के बने हुए कानून एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। जबकि ऋग्वेद एवं भारतीय संस्कृति के अनुसार 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय घोषित करने की मांग को लेकर आवेदन सोपा गया है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने विश्वकर्मा जयंती मना कर इसे राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में घोषित किए जाने की मांग की है।