नवगछिया: गंगा नदी के उफान से शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे स्लुईस गेट का फाटक ध्वस्त हो गया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया। जाह्नवी चौक-लत्तीपुर सड़क के पास महादेवपुर गंगा घाट पर स्थित इस स्लुईस गेट का फाटक गंगा के बाढ़ के पानी के दबाव को सहन नहीं कर सका और टूट गया। तेज बहाव के कारण गेट के नीचे से पानी बड़ी तेजी से बहने लगा और कुछ ही देर में पूरा फाटक ध्वस्त हो गया।
घटना की जानकारी मिलते ही जिप प्रतिनिधि विजय मंडल सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और मिट्टी के बोरे, सीमेंटेड पाइप, पेड़ों की शाखाओं का इस्तेमाल करके बचाव कार्य शुरू किया। स्लुईस गेट के टूटने से सैकड़ों एकड़ खेत में गंगा का पानी भर गया, जिससे खेतों में लगी सब्जी और अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं।
गंगा का पानी आसपास के गांवों जैसे राघोपुर, अलालपुर, बहत्तरा, जपतेली, फरीदपुर, अठगामा, उस्मानपुर, मिरजाफरी, ध्रुबगंज और जाह्नवी चौक-लत्तीपुर सड़क तक फैल गया है, जिससे इन इलाकों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है।
घटना की सूचना पर खरीक के सीओ अनिल भूषण, इस्माइलपुर जिप सदस्य विपिन मंडल, परवत्ता थानाध्यक्ष शंभु पासवान और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कराया। इसके बाद गंगा के पानी के बहाव में थोड़ी कमी आई है।
जिप सदस्य विजय कुमार मंडल ने इस आपदा का कारण पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि कई बार स्लुईस गेट की मरम्मत के लिए अनुरोध किया गया, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने डीएम से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कोसी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे सधुआ गांव में बाढ़ का पानी फिर से प्रवेश कर गया है। स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले पानी घटने पर वे घर की सफाई कर रहे थे, लेकिन अब फिर से बेघर हो गए हैं। सधुआ गांव की सड़क पर बाढ़ का पानी आने से आवागमन प्रभावित हो गया है, और कई परिवार कटरिया स्टेशन और तटबंध पर शरण ले रहे हैं। मदरौनी, कोसकीपुर, सहोड़ा और सधुआ चापर पंचायत के कई घरों और खेतों में पानी घुस गया है, जिससे जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बाढ़ पीड़ितों को पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी भारी समस्या हो रही है।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से तिनटंगा दियारा दक्षिण पंचायत के उसरेहिया गांव में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे तबाही का दायरा और बढ़ गया है।