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नवगछिया : गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के फलस्वरूप रंगरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। सधुआ चापर, कौशिकीपुर सहोरा, मदरौनी, तिनटंगा दियारा सहित छह पंचायतों के लगभग 12 हजार घर जलमग्न हो गए हैं। पिछले चार दिनों से बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे प्रभावित परिवारों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

बाढ़ से प्रभावित गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। सड़कों पर 4 से 5 फीट पानी बह रहा है, और लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा अब तक नाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है, जिससे बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं।

बाढ़ ने एक दर्जन सरकारी स्कूलों में पानी भर दिया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। मैट्रिक और इंटर के छात्रों को फॉर्म भरने के लिए स्कूल पहुंचना पड़ रहा है, जबकि शिक्षक भी पानी के तेज बहाव में स्कूल पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। महिला शिक्षिकाओं को विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मदरौनी पंचायत के मुखिया अजित कुमार मुन्ना ने बताया कि पंचायत में लगभग 500 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस स्थिति के चलते पीने के पानी और शौचालय की भी समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने प्रशासन से राहत की मांग की है।

रविवार को नवगछिया के एसडीओ ने तिनटंगा दियारा पंचायत के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और सामुदायिक किचन चलाने का निर्देश दिया। एसडीओ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

बाढ़ ने किसानों और पशुपालकों के लिए भी समस्याएँ उत्पन्न की हैं। कई एकड़ में लगी सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई हैं, और पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जा रहे हैं।

इस गंभीर स्थिति के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों की आवश्यकता बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन से जल्द राहत उपायों की अपेक्षा की जा रही है, ताकि प्रभावित परिवारों को सहायता मिल सके।

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