नवगछिया अनुमंडल के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंड रंगरा और गोपालपुर में जिला पदाधिकारी भागलपुर के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सामुदायिक राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। हालांकि, इन राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित लोगों को परोसा जा रहा भोजन गुणवत्ता विहीन और घटिया दिखाई दे रहा है।
राहत शिविरों में नियमों के विपरीत घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। रंगरा प्रखंड में चार जगहों पर सामुदायिक किचन संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें रंगरा पंचायत सरकार भवन, रंगरा सत्संग भवन, भीमदास टोला और मुरली पंचायत शामिल हैं। नियमानुसार, आपदा विभाग एक व्यक्ति के लिए 118 रुपए का खर्च देता है, जिसमें भोजन, थाली, ग्लास और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होनी चाहिए। लेकिन वास्तविकता यह है कि इन शिविरों में यह सारी सुविधाएं नदारद हैं।
ग्रामीणों ने शिकायत की है कि शिविरों में ना तो बैठने की व्यवस्था है और ना ही शुद्ध पेयजल। स्थानीय निवासी बिहारी मंडल, दुब्भी मंडल और उपेंद्र हरिजन ने बताया कि राहत शिविर में किसी भी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। कई बार खाने की कमी के कारण लोगों को भूखे पेट ही वापस लौटना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जानवरों की तरह घटिया भोजन परोसा जा रहा है, जिसमें दाल के नाम पर केवल हल्दी मिला पनी और सब्जी के नाम पर सिर्फ आलू का झोर दिया जा रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर बाढ़ राहत शिविरों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे। प्रशासन को चाहिए कि वे इस गंभीर समस्या का तुरंत समाधान करें और बाढ़ प्रभावित लोगों को उचित राहत प्रदान करें।