नवगछिया: नवगछिया अनुमंडल के तीन प्रखंड पिछले एक महीने से बाढ़ की चपेट में हैं। गोपालपुर के बिंदटोली में पिछले महीने बांध टूटने के बाद से गोपालपुर, रंगरा और इस्माइलपुर प्रखंड पूरी तरह से गंगा की बाढ़ के जद में आ गए हैं। हाल ही में रंगरा प्रखंड में कोसी नदी भी कहर बरपा रही है।
बाढ़ की इस त्रासदी के बीच जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। लेकिन स्थानीय कांग्रेस कमिटी ने गंभीर आरोप लगाया है कि प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में मौजूद दलाल इस विपत्ति का फायदा उठाने में लगे हैं। गोपालपुर कांग्रेस कमिटी ने नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी ऋतुराज प्रताप सिंह को ज्ञापन देकर इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। वहीं इस संबंध में गोपालपुर कांग्रेस कमिटी के प्रखंड अध्यक्ष शंकर सिंह अशोक ने कहा, “स्थानीय प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों की.
समस्याओं की कोई सुध नहीं ली जा रही है। सामुदायिक किचन में भारी लूट मची है और वहां बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।” उन्होंने बताया कि नियमानुसार सामुदायिक किचन में छोटे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन नवगछिया अनुमंडल के अंतर्गत चलने वाले किसी भी सामुदायिक किचन में दूध की व्यवस्था नहीं थी।
बाढ़ की स्थिति समाप्त नहीं हुई है, और सामुदायिक किचन अब बंद कर दिए गए हैं। इससे बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन और अन्य जरूरी चीजें नहीं मिल पा रही हैं। सरपंच सुबोध यादव ने भी आरोप लगाया कि बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली प्लास्टिक शीट सूखे स्थलों और पक्के मकानों वाले लोगों को दी गई है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को सूखा राशन भी मुहैया नहीं कराया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दलालों का बोलबाला है, और प्रखंड तथा अंचल कार्यालय दोनों दलालों के भरोसे ही चल रहे हैं। इससे बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्यों की विश्वसनीयता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
स्थानीय नेताओं ने प्रशासन से सुधार की मांग की है और बाढ़ पीड़ितों के लिए तत्काल राहत उपाय लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।