भागलपुर : शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने वाले कारीगर अपनी मेहनत को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। जिलेभर के सैकड़ों पूजा पंडालों में माता की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी, जिसके लिए बिहार और बंगाल के दक्ष कारीगर रात-दिन काम कर रहे हैं।
भागलपुर के आम्बे स्थित कुम्हारटोलि की गलियां हर पूजा-त्योहार में गुलजार रहती हैं। यहां के कुम्हार ही शहर के अधिकांश हिस्सों में मूर्तियों का निर्माण करते हैं, और हर वर्ष मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां यहीं से जिले में पहुंचती हैं।
शारदीय नवरात्र की शुरुआत कलश पूजा के साथ हो चुकी है, और पूजा की तैयारियां तेज हो गई हैं। कहीं मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है, तो कहीं शहरभर में विभिन्न थीम के तहत पूजा पंडाल सजाए जा रहे हैं। मूर्तिकारों द्वारा मां दुर्गा की मूर्तियों का निर्माण लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
आम्बे के मूर्तिकार रंजीत पंडित ने बताया कि वे अगस्त माह से प्रतिमा निर्माण में लगे हैं और इस वर्ष 15 से 16 मूर्तियां बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ 6 से 8 कारीगर पिछले अगस्त से काम कर रहे हैं। रंजीत ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से मूर्ति निर्माण का काम कर रहे हैं और पहली बार अपने पिताजी के साथ मोहदीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाना शुरू किया था।
हालांकि, रंजीत ने यह भी बताया कि पहले के मुकाबले कारीगरी में अब उतनी कमाई नहीं हो रही है। इस नवरात्रि, मां दुर्गा की प्रतिमाओं की भव्यता और सुंदरता को देखकर भक्तों में विशेष उत्साह है। कारीगरों की मेहनत इस पर्व को और भी खास बना रही है।