हिंदु मुस्लिम एकता का प्रतीक है नारायणपुर रेलवे-स्टेशन की मां दुर्गा मंदिर
नारायणपुर : कटिहार – बरौनी रेलखंड पर स्थित मां दुर्गा मंदिर का इतिहास करीब सौ साल पुराना है. दुर्गा मंदिर का स्थापना किसी बंगाली स्टेशन मास्टर ने स्थानीय लोगों के सहयोग से किया था. उस समय यह मंदिर झोपड़ी में था. जहां घट स्थापना कर प्रतिमा बैठाकर विधिवत देवी की पूजा की जाने लगी. उसके बाद मंदिर में आसपास के लोगों का आस्था बढ़ने लगा. उस समय आस पास के लोगों के जिम्मे मंदिर की पूजा-पाठ की व्यवस्था आ गयी. तब नवटोलिया गांव के लोग पूजा-पाठ में सहयोग करते रहे. इसी गांव के स्व गुणानंद झा का उस समय मेला लगाने में भूमिका रहती थी. उस समय मधुरापुर गांव के लोग श्रीकृष्ण नाटक मंडली बनाकर सामाजिक व धार्मिक नाटक का मंचन करने लगें. नाटक मंचन में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए जो अबतक हिंदु मुस्लिम मिलकर मेला की व्यवस्था में सहयोग व नाटक मंचन साथ-साथ करते हैं. नाटक का मंच तत्कालीन विधायक स्व ब्रह्मदेव मंडल के सौजन्य से बनाया गया था. 1976 ई में गंगा में कटाव होने के बाद नारायणपुर गांव के लोग रेलवे-स्टेशन के आसपास आ गये तब से मेला आयोजन की व्यव्स्था जन सहयोग से उन्हीं लोगों के जिम्मे है. सत्तर के दशक में छोटा पक्के का मंदिर बनाया गया था. 2010 ई में मंदिर को विस्तृत स्वरूप दिया गया. पहले यहां छागरों की बलि दी जाती थी.
सन 2002 में लोगों ने सामूहिक रूप से देवी मां से फुलायस मांग कर बलि प्रथा को बंद कर दिया. उसके बाद भी जानकारी के अभाव में जो लोग छागर लेकर आ जाते तो उस छागर का कान काट कर (कनछोपा) करके छोड़ दिया जाता था लेकिन अब बलि प्रथा पूर्णत: बंद है. यहां वैदिक मंत्रोच्चार से देवी की विधिवत पूजा होती है. यह मंदिर हिन्दु मुस्लिम एकता का प्रतीक है. यहां दोनों समुदाय के लोग मिलकर मौजूदा व्यवस्था में सहयोग करते हैं. कहते हैं कि अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानी लोग देवी मां दुर्गा से आशीर्वाद लेकर सनलाइट मैदान में जुटे थे. वहीं से मालगोदाम के पास रेल डाक तोड़ना शुरू किया था. स्वतंत्रता सेनानी अपना शस्त्र व पाती यहां छुपाते थे. मंदिर का नियमित पुजारी अनिल ठाकुर ने बताया कि मां का दर्शन भक्तों को विजय श्री दिलाता है. मनोकामना सिद्धी के लिए आये भक्तों को मां कभी खाली हाथ नहीं जाने देतीं हैं.मेला समिति के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने बताया कि मेला में यहां भव्य दंगल कुश्ती प्रतियोगिता होगी. रात में सामाजिक व क्रांतिकारी नाटक का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा की जायेगी.