तेतरी वाली दुर्गा मंदिर में स्थापित प्रतिमा का विषर्जन
नवगछिया – शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा अर्चना के साथ दशमी तिथि को भक्तों ने धूमधाम से त्योहार मनाया। इस वर्ष भी कलश विसर्जन की प्रक्रिया ने विशेष महत्व हासिल किया। देशभर में श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में रखे कलशों को विसर्जित करने का क्रम शुरू किया, जिसमें हर जगह पूजा के बाद उत्साह और उमंग का माहौल बना रहा।
नवगछिया प्रखंड अंतर्गत तेतरी दुर्गा मंदिर में शनिवार को सुबह 10 बजे कलश विसर्जन का आयोजन किया गया। भक्तों ने मंदिर परिसर में एकत्रित होकर कलश को श्रद्धा पूर्वक घुमाया और फिर बगल की नदी में विसर्जित कर दिया। यह दृश्य भक्तों के लिए अत्यंत भावुक था, जहाँ उन्होंने देवी माँ को विदाई देने के लिए मन से प्रार्थना की।
कलश विसर्जन के बाद, मंदिर में महिलाओं ने विदाई गीत गाते हुए माता को खोंइछा चढ़ाया। यह एक परंपरा है, जिसमें महिलाएं देवी माँ को श्रद्धा के साथ विदा करती हैं।
देर शाम को, मेला समितियों द्वारा मंदिर में मां दुर्गा की आरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने “जय माता दी” के जयकारे लगाकर देवी माँ के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त की। भक्तों ने मिलकर मां दुर्गा की महिमा का गुणगान किया और इस अवसर को विशेष रूप से यादगार बनाया। वही मौके पर भक्तों द्वारा तेतरी वाली दुर्गा मैया का प्रतिमा विसर्जन का भव्य शोभा यात्रा निकाला गया व प्रतिमा का स्थानीय घाट पर विषर्जन किया गया । मौके पर लाखों की संख्या में भीड़ उपस्थित थी ।
इस प्रकार, मां दुर्गा के कलश विसर्जन और विदाई के साथ, भक्तों ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश फैलाने का प्रयास किया, जो दशहरा का प्रमुख प्रतीक है। यह उत्सव केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है।