भागलपुर में काली पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ विभिन्न मंदिरों में उमड़ रही है। जिले के इशाकचक, बुढ़िया काली, जंगली काली, बबलपुर की बम काली, और नवगछिया के बिहपुर काली सहित कुल 187 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इनमें से 84 प्रतिमाएं शोभा यात्रा में शामिल होने के लिए लाइसेंसधारी हैं।
भागलपुर का काली विसर्जन शोभा यात्रा विशेष रूप से भव्य होती है, जो मुंगेर में मां दुर्गा और मुंबई में गणेश पूजा की शोभा यात्रा के समान महत्व रखती है। आज सुबह से ही विभिन्न काली मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है, खासकर महिलाओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
कई मंदिरों में बलि प्रथा का भी प्रचलन है, जिसके चलते बलि देने वाले श्रद्धालुओं की भी अच्छी खासी संख्या है। बबलपुर की काली प्रतिमा बिहार में सबसे बड़ी मानी जाती है, जिसे विशेष रूप से पूजा समिति द्वारा बनाया गया है। इस वर्ष इशाकचक काली मंदिर में दक्षिणेश्वर काली का भव्य पंडाल भी सजाया गया है।
पूरे भागलपुर जिले में लगभग डेढ़ सौ स्थानों पर काली पूजा की जा रही है, जिससे इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और भी बढ़ गया है।