नवगछिया पुलिस जिले के रंगरा थाना क्षेत्र स्थित भवानीपुर काली मंदिर परिसर में काली पूजा के अवसर पर आयोजित जागरण कार्यक्रम में अश्लीलता का नंगा नाच देखने को मिला। भोजपुरी गानों पर बार बालाओं ने मंच पर ठुमके लगाए, जिससे धार्मिक आयोजन की पवित्रता को गंभीर ठेस पहुंची।
कार्यक्रम में मौजूद आसपास के ग्रामीण स्तब्ध रह गए, जब उन्होंने देखा कि आधा दर्जन पुलिसकर्मी, जिनका कर्तव्य था शांति व्यवस्था बनाए रखना, मंच के समीप बैठे हुए इस तमाशे का “आनंद” ले रहे थे। इस घटना ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है, जो पुलिस की इस उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार के अश्लील नृत्य से देवी की पूजा का अपमान हुआ है। उनका मानना है कि ऐसे आयोजनों में इस तरह की हरकतें हमारे समाज की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का गंभीर अपमान हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धार्मिक स्थलों पर ऐसी गतिविधियों का होना अनैतिक और निंदनीय है।
कुछ जागरूक नागरिकों ने पुलिस की उदासीनता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर पुलिस इस प्रकार की अश्लीलता का मौन समर्थन करेगी, तो समाज में अनुशासन और नैतिकता का क्या होगा। इस तरह के धार्मिक आयोजनों में अश्लीलता का प्रदर्शन हमारी संस्कृति को कमजोर करता है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।
इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि ऐसे अश्लील प्रदर्शन न हों और समाज में एक सकारात्मक संदेश जाए।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या हमारी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का संरक्षण केवल प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है, या इसे समाज के हर वर्ग को मिलकर निभाना चाहिए।