भागलपुर: राज्य के महामहिम राज्यपाल के आगमन से पहले, तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि रजिस्ट्रार सैलरी देने के नाम पर उनसे 2 प्रतिशत घूस की मांग कर रहे हैं।
कर्मियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में उनकी मेहनत की सैलरी, जो पहले ही वॉयस चांसलर द्वारा हस्ताक्षरित की जा चुकी थी, उन्हें समय पर नहीं दी जा रही। इसके बजाय, सैलरी के भुगतान के बदले घूस की मांग की जा रही है, जो कर्मचारियों के अनुसार, पूरी तरह से अनुचित है। एक कर्मचारी ने बताया, “हम अपना कार्य सही तरीके से कर रहे हैं, लेकिन अब सैलरी के बदले घूस देने की बात की जा रही है।”
यूनिवर्सिटी कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार का मानसिक संतुलन सही नहीं है, और उन्हें रांची भेज कर इलाज कराने की आवश्यकता है। कर्मियों ने यह भी कहा कि उनके इलाज का खर्च संघ उठाएगा।
इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अब देखना यह होगा कि इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई की जाती है।