भागलपुर नगर निगम का उदासीन रवैया शहर की स्वच्छता के लिए चिंता का कारण बन चुका है। दिसंबर माह के पहले सप्ताह में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के आने की संभावना के मद्देनजर नगर निगम ने तैयारियों को तेज़ किया है, लेकिन कूड़ा प्रबंधन को लेकर निगम की लापरवाही अब लोगों के लिए समस्या बन चुकी है।
भागलपुर में कई स्थानों पर कूड़ा एकत्रित करने के लिए स्टेशन जोन बनाए गए हैं, लेकिन मूसहरी घाट के पास बना कूड़ा प्रबंधन स्टेशन कई महीनों से खराब बिजली आपूर्ति के कारण न केवल संचालन में विफल हो रहा है, बल्कि भारी मात्रा में कूड़ा भी जमा हो गया है। इस कूड़े का बड़ा हिस्सा गंगा नदी तक पहुंचने का खतरा उत्पन्न कर रहा है, जिससे नदी के पानी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।
इस मुद्दे को लेकर नगर निगम सशक्त स्थाई समिति के सदस्य संजय सिन्हा ने नगर निगम प्रशासन पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “नगर निगम की यह घोर लापरवाही है, जिसके कारण स्थानीय लोग परेशान हैं।”
वहीं, नगर निगम वार्ड संख्या 50 के पार्षद पंकज गुप्ता ने भी इस स्थिति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “हमारे वार्ड में भी कूड़ा स्टेशन जोन बनाया गया है, जो घनी आबादी के बीच स्थित है। जब हमने इसका विरोध किया, तो तत्कालीन नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि जमीन नगर निगम की है, तो निगम को वहां कूड़ा प्रबंधन स्टेशन बनाना चाहिए। अब अगर निगम पार्षद की बात नहीं सुनता है, तो जनता को क्या उम्मीद रखनी चाहिए?”
इस स्थिति ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है और लोगों में निराशा का माहौल बना दिया है।