भागलपुर: बिहार सरकार ने राज्य के विभिन्न जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब भागलपुर जिले के जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) और महिला जेल में कुल 771 हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, नवगछिया उपकारा में भी 85 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना है। इस पहल के तहत, राज्य के कुल 51 जेलों में 8737 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
भागलपुर के जेलों में लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों की संख्या इस प्रकार है: जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में 393, विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) में 356, महिला जेल में 22, और नवगछिया उपकारा में 85 कैमरे लगाए जाएंगे। इस कदम से जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से इन जेलों की हर गतिविधि की निगरानी की जाएगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर के अधीक्षक श्री राजीव कुमार झा ने बताया कि कारा विभाग के आदेश पर बेल्ट्रॉन कंपनी द्वारा सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है और किसी भी समय इस कार्य को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
कैदियों की गतिविधियों पर होगी पैनी निगरानी
नवीन सीसीटीवी कैमरे और सेंसर सिस्टम के माध्यम से अब बंदियों की बातचीत और अन्य गतिविधियों की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे जेल प्रशासन को बंदियों की संदिग्ध गतिविधियों की तत्काल जानकारी मिल सकेगी। इन कैमरों की निगरानी से जेल के अंदर प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रवेश को रोकने और जेल कर्मचारियों एवं मुलाकातियों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
इसके अलावा, भागलपुर जिले की जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस योजना के तहत दीवारों की ऊंचाई पर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल, भागलपुर की जेलों की दीवारों की ऊंचाई मानक के अनुसार 21 फीट की बजाय केवल 15 फीट है, जिससे सुरक्षा में कुछ कमी महसूस होती है। हालांकि, अब तक इस कम ऊंचाई के बावजूद कोई कैदी फरार नहीं हुआ है, लेकिन जेल में रसूखदार कैदियों द्वारा दादागिरी और अन्य गतिविधियां समय-समय पर देखने को मिलती रही हैं।
पूर्व में जेलों की सुरक्षा में रही हैं खामियां
भागलपुर के केंद्रीय कारा में पहले भी जेल सुरक्षा को लेकर कुछ घटनाएं हो चुकी हैं। 1982 में सात कैदी पानी निकासी वाले ह्यूम पाइप के जरिए जेल से भाग गए थे, जिनमें से दो को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि बाकी का पता नहीं चल सका था। इसके बाद जेल सुरक्षा की खामियों को दूर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था।
बेहतर निगरानी से जेलों में सुधार की उम्मीद
राजीव कुमार झा ने बताया कि जेल के भीतर सुधार की दिशा में यह एक अहम कदम है, जो जेल के अंदर हर गतिविधि की निगरानी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, बंदियों की गतिविधियों, जेल कर्मचारियों की कार्यशैली और मुलाकातियों की निगरानी भी कैमरों के जरिए की जाएगी, जिससे कानून-व्यवस्था में सुधार होगा।
योजना के तहत सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ-साथ जेल प्रशासन को भी नए दिशा-निर्देशों के तहत और भी सख्त सुरक्षा कदम उठाने होंगे। इस पहल से बंदियों की अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी और जेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा।