बिहपुर : बुधवार को बिहपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण करने के लिए भागलपुर जिला योजना पदाधिकारी मोनू कुमार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति की जांच की और ओपीडी व आईपीडी में भर्ती मरीजों और उनके साथ आए परिजनों से अस्पताल की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
पैथोलॉजी सेवाओं पर संतुष्टि, लेकिन महिला रोगियों को परेशानियों का सामना
निरीक्षण के दौरान मोनू कुमार ने अस्पताल में पैथोलॉजी सेवाओं का भी मूल्यांकन किया। बताया गया कि यहां सोमवार से शनिवार तक 32 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं, जिसे लेकर वह संतुष्ट नजर आए। हालांकि, कुछ मरीजों ने अस्पताल में महिला डाक्टर की अनुपस्थिति की समस्या को उठाया। खासकर महिला रोगी और प्रसूति के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए महिला डॉक्टर की जरूरत महसूस की जा रही है।
एंबुलेंस और एक्स-रे सेवा में कमी
दुर्भाग्यवश, सीएचसी में एक भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। जानकारी के मुताबिक, इस सीएचसी को पहले तीन एंबुलेंस मिली थीं, लेकिन उनमें से एक खरीक पीएचसी को दे दी गई है, दूसरा खराब है और तीसरा एजेंसी द्वारा बंद कर दिया गया है। फिलहाल नारायणपुर पीएचसी का एंबुलेंस ही बिहपुर सीएचसी के लिए काम आ रहा है। सबसे अहम मुद्दा यह था कि यहां की एक्स-रे सेवा पिछले अप्रैल माह से बंद पड़ी है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कत हो रही है।
कर्मियों की कमी और अन्य आवश्यकताएं
इस दौरान सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. मुरारी पोद्दार ने निरीक्षण में आए जिला योजना पदाधिकारी को बताया कि अस्पताल में डाक्टर, ड्रेसर और कंपाउंडर की भारी कमी है। इसके अलावा फर्मासिस्ट की भी नियुक्ति नहीं की गई है। उन्होंने भवनहीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए नई इमारत की आवश्यकता जताई और अस्पताल के कर्मियों के लिए आवास की भी मांग की। साथ ही, अस्पताल के लिए एक अतिरिक्त भंडार कक्ष की भी जरूरत बताई गई।
जिला योजना पदाधिकारी का संतुष्टि का बयान
निरीक्षण के बाद मोनू कुमार ने कहा कि वह अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं, लेकिन कुछ सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल की सभी खामियों को शीघ्र दूर किया जाए ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
इस निरीक्षण के बाद बिहपुर सीएचसी में सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं, और अस्पताल के कर्मचारियों और प्रशासन के लिए चुनौती है कि वे इन खामियों को शीघ्र ठीक कर मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान कर सकें।