कहलगांव (भागलपुर)।
अनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय कहलगांव के तत्वावधान में प्रभारी न्यायाधीश सह अध्यक्ष तस्लीम कौशर के निर्देशन में अनुमंडल अस्पताल कहलगांव में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता सह स्थानीय बार के सचिव कृष्ण देव सिंह और पारा लीगल वालंटियर सत्या सुमन, डॉ पवन गुप्ता, अस्पताल प्रबंधक गोविंद उपाध्याय के द्वारा उपस्थित लोगों को संबंधित विषय की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि PC & PNDT एक्ट का मतलब प्री-कॉन्सेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक लाइसेंस एक क्लिनिकल प्रतिष्ठान (अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर या एकल-डॉक्टर क्लिनिक) का पंजीकरण है जो.
अल्ट्रासोनोग्राफी (USG) का उपयोग करता है पर वर्तमान मे कन्या लिंग कि जानकारी हेतु इसका दुरुपयोग बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया की गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन के निषेध तथा आनुवंशिक असामान्यताओं या चयापचय विकारों या गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं या कुछ जन्मजात विकृतियों या लिंग-संबंधी विकारों का पता लगाने के प्रयोजनों के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
इस अवसर पर अस्पताल के डॉ प्रभारी उपाधीक्षक प्रभार में डॉक्टर पवन कुमार गुप्ता, गोविंद कुमार उपाध्याय, अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अन्य अस्पताल कर्मी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
विदित हो कि अनुमंडल विधिक सेवा समिति, कहलगांव के द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नालसा कार्य योजना के आलोक में इस प्रकार के कार्यक्रम अक्सर आयोजित किया जाता है।