7 दिन शेष, तिथि को लेकर संशय बरकरार
@ 20-21 दिसंबर को डीएम की घोषणा।
प्रदीप विद्रोही
कहलगांव (भागलपुर)। प्राचीन धरोहर विक्रमशिला में प्रस्तावित तीन दिवसीय महोत्सव की तिथि को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, पिछले दिनों भागलपुर के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने महोत्सव की तिथि घोषित करते हुए 20-21 दिसंबर तय की थी। बावजूद इसके, कहलगांव अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) अशोक कुमार मंडल ने महोत्सव की तिथि स्पष्ट करने से परहेज किया है। इधर महोत्सव का आगाज होने में महज एक सप्ताह का समय शेष है। स्थानीय और जिला स्तर के कलाकारों का दो दिवसीय ऑडिशन शुक्रवार को समाप्त हो चुका है। शेष बचे समय में हेंगर पंडाल का निर्माण क्या संभव है। वैसे एसडीएम अशोक कुमार मंडल ने कहा है कि हेंगर पंडाल का निर्माण 24 घंटे के अंदर एजेंसी तैयार कर देगी।कहलगांव स्थित एनटीपीसी के सुजाता प्रेक्षागृह में आयोजित ऑडिशन में जिलेभर से 112 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। चयन प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को महोत्सव में शामिल होने की उम्मीद है, जिसके लिए वे दिन-रात अभ्यास में जुटे हैं। इस दौरान बच्चों के डांस ग्रुप काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। इस संशय के कारण बच्चे सहित अभिभावक उदास हैं। ऑडिशन के दौरान निर्णायक मंडल के साथ एसडीओ अशोक कुमार मंडल भी उपस्थित थे।
महोत्सव दो या तीन दिवसीय :
महोत्सव दो दिवसीय होगा या तीन दिवसीय, इसे लेकर भी असमंजस बना हुआ है। डीएम द्वारा 20-21 दिसंबर की तिथियां घोषित करने के बावजूद स्थानीय प्रशासन और तैयारी समिति की बैठक में इसे तीन दिवसीय बनाने की चर्चा हुई थी। इसके बावजूद अनुमंडल प्रशासन ने इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी प्रेस को देने से गुरेज कर रहे हैं। वहीं विक्रमशिला महोत्सव की सूचना सार्वजनिक करने के लिए बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में भी महोत्सव दो या तीन दिवसीय होगा यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है।
दो टेंट एजेंसियों ने खड़े किए हाथ,
तीसरी एजेंसी का इंतजार :
महोत्सव स्थल पर टेंट यानी आकर्षक मंच, भव्य हेंगर पंडाल, ग्रीन रुम सहित अन्य दर्जनों कार्य से संबंधित कार्यों की जिम्मेदारी सर्वप्रथम गया पश्चात कहलगांव की एजेंसियों ने लेने से इनकार कर दिया है। अब खगड़िया की एक एजेंसी को बुलाया गया है, जिसका इंतजार किया जा रहा है। स्थानीय तैयारी समिति का कहना है कि महोत्सव के भव्य मंच, विशाल पंडाल, सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रमों की तैयारी के लिए अब समय बहुत कम बचा है।
मुकर्रर तारीख पर संशय बढ़ता जा रहा :
कुलमिलाकर, घोषित तिथि 20-21 दिसंबर को लेकर स्थानीय प्रशासन, स्थानीय लोगों और तैयारी समिति में संशय की स्थिति बनी हुई है। महोत्सव स्थल को समय पर तैयार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिससे आयोजन की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।