प्रदीप विद्रोही
भागलपुर।
वन विभाग की टीम ने शनिवार को कहलगांव के गंगा नदी में डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र से मछुआरों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधित जाल को जब्त किया। वन विभाग की टीम का नेतृत्व वन प्रमंडलीय पदाधिकारी भागलपुर श्वेता कुमारी के द्वारा किया गया। टीम में शामिल फॉरेस्टर विजय कुमार सिंह एवं वनरक्षी ने बताया कि डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर लगाए गए करीब एक क्विंटल प्रतिबंधित जाल को जप्त किया गया। हालांकि काफी संख्या में मछुआरे महिला एवं पुरुष जूटकर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे और जब्त जाल लेकर जाने की कोशिश किया। इधर विरोध के बाद गंगा तट पर अफरातफरी मच गई। वन विभाग की टीम भाग खड़े हुए।
घटना की सूचना कहलगांव के एसडीएम व एसडीपीओ को दी गई। सूचना मिलते ही एसडीएम अशोक कुमार मंडल, एसडीपीओ शिवानंद सिंह तथा कहलगांव थाने की पुलिस गंगा तट पर पहुंचकर घटना की विस्तार से जानकारी ली।
इस संदर्भ में फॉरेस्टर विजय कुमार सिंह ने बताया कि डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र करीब एक क्विंटल प्रतिबंधित जाल को जप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित जाल लगाने वाले व विरोध करने वाले मछुआरों को चिन्हित किया गया है। वन विभाग के एक्ट के अनुसार मामला दर्ज किया जाएगा। इधर गंगा मुक्ति आंदोलन, बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ ने बताया कि वन विभाग के द्वारा गांगेय डॉल्फिन अभ्यारण्य के नाम पर परंपरागत मछुआरों को परेशान किया जाता है। जबकि हमलोग डॉल्फिन की हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉल्फिन को सबसे अधिक नुकसान गंगा के कोल – ढाब में प्रतिबंधित कपड़ा जाल लगाकर मछली का शिकार करने वाले गैर परंपरागत मछुआरों से होता रहा है। यह विरोध अनवरत जारी रहेगा।