नवगछिया। भागलपुर संग्रहालय के सभा कक्ष में संग्रहालय प्रबंधन एवं विरासत संरक्षण पर एक दिवसीय सेमिनार सह व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन जिलाधिकारी सह मुख्य अतिथि डॉ नवल किशोर चौधरी के द्वारा किया गया। मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि भागलपुर संग्रहालय की यह अच्छी पहल है। हम अपने विरासत को म्यूजियम में कैसे संभाल कर रखते हैं यह जानकारी अपने बच्चों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी इस संबंध में प्रशिक्षित करने की जरूरत है। यदि हम शिक्षकों को इस संबंध में प्रशिक्षित कर देंगे तो वे अपने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने संग्रहालय अध्यक्ष को सुझाव दिया कि टाउन हॉल में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जाए। उन्होंने कहा कि आज से 15 साल पहले 1 रुपए का बड़ा सिक्का आता था, जो हमारे बच्चों ने नहीं देखा है। हमारा जो इतिहास रहा है, उन सभी चीजों को संरक्षित करने की जरूरत है। कहा कि उनके बच्चे पुराना 1 रुपए के नोट नहीं देखे थे, जिसे वे अपने पर्स में रखे हैं, अपने बच्चों को दिखाने के लिए। कालांतर में ये रुपए लुप्त हो गए। अब 1 रुपए का सिक्का आता है। इन चीजों को संरक्षित रखने से हमें अपने इतिहास का पता चलता है, विकास का क्रम पता चलता है और वर्तमान में किस तरह से परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 1000 रूपये के नोट का प्रचलन बंद हो गया है, उसे संरक्षित रखने की जरूरत है। पुराने समय में उन चीजों को कुछ सोच कर बनाया होगा। जिसे हमें संरक्षित रखने हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने वर्तमान के चीजों को भी संरक्षित और दस्तावेजीकरण करना चाहिए। हमारा विक्रमशिला विश्वविद्यालय अतीत में पूरी दुनिया को ज्ञान दिया। जिसे विश्व के पटल पर अब अच्छी तरह से रखा जा रहा है। इसी प्रकार नालंदा विश्वविद्यालय को भी विश्व के पटल पर प्रचारित किया जा रहा है। पूर्व का निर्मित कुआं आज भी सुरक्षित है। उनके निर्माण की तकनीक जानने की आवश्यकता है। इस प्रकार हमें अपनी विरासत को समझने की जरूरत है। हमारे पूर्वजों ने किस तकनीक और किन-किन सामग्रियों का प्रयोग किया, जिससे आज भी कुआं अपनी पुरानी स्थिति में मौजूद है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय का आधुनिकरण जरूरी है, कि हम अपने विरासत को किस तरह से संरक्षित रखें कि वह हमेशा सुरक्षित रह सके।
संग्रहालय प्रबंधन एवं विरासत संरक्षण पर आयोजित हुआ सेमिनार ||GS NEWS
नवगछिया बिहार भागलपुर December 24, 2024 December 23, 2024Tags: Sangrahaly