भागलपुर, बिहार: पोठिया थाना क्षेत्र में पुलिस की कथित गुंडागर्दी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां चौकीदार के भाई हसीबुल हक (30) की पुलिस पिटाई के बाद मौत हो गई। मृतक की पहचान गोरूखाल पंचायत, मिलिकबस्ती गांव के निवासी हनीफउद्दीन के पुत्र के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि पोठिया थाने के SHO और डीएसपी के बॉडीगार्ड ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर मृतक की बेरहमी से पिटाई की।
क्या है मामला?
17 दिसंबर को मवेशी कारोबारी मो. फैजान आलम से 5.95 लाख रुपये की लूट का मामला सामने आया था। आरोप था कि चार अज्ञात लोगों ने पानबाड़ा डॉगी क्षेत्र में हथियार का भय दिखाकर पैसे लूटे और कारोबारी को घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में गुप्त सूचना के आधार पर 20 दिसंबर को तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें मृतक हसीबुल हक भी शामिल था।
परिजनों का दावा
मृतक के परिजनों का कहना है कि हसीबुल हक के भाई, जो थाने में चौकीदार हैं, ने उसे पुलिस के कहने पर सरेंडर कराया था। इसके बावजूद पुलिस ने उनके सामने ही हसीबुल की बेरहमी से पिटाई की। चौकीदार ने बताया कि SHO और अन्य पुलिसकर्मियों ने चार सौ बार लाठी से हसीबुल को मारा। हालत बिगड़ने के बावजूद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जब हसीबुल की तबीयत जेल में बिगड़ी, तो उसे किशनगंज सदर अस्पताल और फिर मायागंज अस्पताल रेफर किया गया। हालत और खराब होने पर पटना ले जाने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद परिजनों ने मानवाधिकार आयोग और जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। किशनगंज एसपी सागर कुमार ने कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी। वहीं, किशनगंज डीएम विशाल राज ने कहा कि कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों ने न्याय की मांग करते हुए घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।