भागलपुर: बिहार में लोकतांत्रिक व्यवस्था और छात्रों के हितों को सुरक्षित रखने की मांग पर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा चलाए जा रहे आमरण अनशन और पुलिस की बर्बरता के विरोध में मंगलवार को जनसुराज कार्यकर्ताओं ने भागलपुर में आक्रोश मार्च निकाला। यह मार्च स्टेशन चौक से शुरू होकर घंटाघर चौक तक पहुंचा और शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरा।
प्रशांत किशोर पर पुलिसिया कार्रवाई से नाराज कार्यकर्ता
जनसुराज कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने “नीतीश कुमार मुर्दाबाद” और “बीपीएससी आयोग हाय-हाय” के नारे लगाते हुए सरकार पर प्रजातांत्रिक मूल्यों को खत्म करने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीपीएससी परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, और इसकी निष्पक्ष जांच कराकर परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजन किया जाना चाहिए।
प्रशांत किशोर के साथ हुए बर्ताव को बताया लोकतंत्र का गला घोंटना
कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा प्रशांत किशोर के साथ मारपीट, ठंड में पानी का फव्वारा चलाने और उन्हें घसीटकर हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा बताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह बिहार सरकार का तानाशाही रवैया है, जो जनता और छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
छात्रों के हित में जारी रहेगा आंदोलन
जनसुराज कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में हुए व्यापक घोटाले और धांधली को छिपाने के लिए सरकार विपक्षी नेताओं पर दमनकारी नीति अपना रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व में छात्रों के हित में यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता।
जिला अध्यक्ष ने की सरकार की आलोचना
जनसुराज के जिला अध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार अब “लाठी तंत्र” के सहारे काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बीपीएससी अभ्यर्थियों की जायज मांगों को दबाने के लिए विपक्षी नेताओं और जनसुराज के कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रही है। उनका कहना था कि यह व्यवहार लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
जनसुराज कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे पूरे बिहार में और बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे।