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आज, 15 जनवरी, हम भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनका जीवन और योगदान भारत के लोकतंत्र, श्रम कल्याण और सामाजिक सुधारों के लिए एक प्रेरणा है।

जीवन परिचय:
श्री गुलजारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को पंजाब के सियालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा लाहौर, आगरा और इलाहाबाद विश्वविद्यालयों से प्राप्त की। प्रारंभ में वे अर्थशास्त्र के प्राध्यापक बने और जल्द ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए। 1921 में असहयोग आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के साथ उन्होंने देश सेवा की राह चुनी।

स्वतंत्रता संग्राम और समाज सेवा:
गुलजारीलाल नंदा ने अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन में लंबे समय तक काम किया और श्रमिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने सत्याग्रह में भाग लेने के कारण कई बार जेल यात्रा की।

राजनीतिक जीवन और योगदान:

  • 1937 में बंबई विधानसभा के लिए चुने गए और श्रम मंत्री बने।
  • 1950 में योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए।
  • उन्होंने श्रम कल्याण और योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए।
  • पंडित नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया।

महत्वपूर्ण उपलब्धियां:

  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • श्रम एवं आवास सुधारों के लिए स्वीडन, फ्रांस, इंग्लैंड जैसे देशों का अध्ययन किया।
  • भारतीय संसद में श्रम विवाद विधेयक जैसे कई ऐतिहासिक कानून पास करवाए।

गुलजारीलाल नंदा का जीवन:
उनका जीवन सादगी, समर्पण और सेवा का प्रतीक रहा। देशहित में किए गए उनके कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हैं। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर हम एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।

आइए, इस पुण्यतिथि पर हम उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लें और उनकी स्मृति को नमन करें।

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