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भागलपुर: भागलपुर के खरीक थाना क्षेत्र के चोरहर गांव में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां बैंक ऑफ बरोदा के ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) संचालक प्रवीण कुमार मेहता ने अपने परिवार के साथ मिलकर सैकड़ों महिला और पुरुष खाताधारकों से फर्जी तरीके से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट लेकर उनके खातों से लाखों रुपये की निकासी कर ली।
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अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कुल 40 लाख रुपये से अधिक की रकम हड़पी गई है।
पीड़ितों ने बताया कि वे लंबे समय से अपनी मेहनत की कमाई को सीएसपी केंद्र के माध्यम से अपने खातों में जमा कर रहे थे, लेकिन जब वे पासबुक अपडेट कराने गए, तो पाया कि उनके खातों में पैसे की जगह बहुत ही कम राशि बची हुई थी।
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कुछ खातों में तो सिर्फ 200 रुपये दिख रहे थे, जबकि कुछ खातों में 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक थे।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और आरोपित सीएसपी संचालक प्रवीण कुमार मेहता तथा उसके परिवार के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है।
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आरोप है कि यह फर्जीवाड़ा बैंक कर्मियों के मिलीभगत से हुआ है, क्योंकि जब भी पीड़ित लोग पासबुक अपडेट कराने के लिए बैंक जाते थे, तो कोई न कोई बहाना बना कर पैसे निकाल लिए जाते थे।
यहां पर संचालित सीएसपी केंद्र टिन की छत वाले एक छोटे से घर में था और इसमें खरीक, चोरहर, भवनपुरा, राघोपुर, रतनपुरा, कहारपुर, मैरचा समेत 15-20 गांवों के लोगों के खाते शामिल थे। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि इस तरह के ग्राहक सेवा केंद्रों के लिए किस प्रकार का सुरक्षा जांच किया जाता है, और क्या उन केंद्रों को लाइसेंस देने में कोई लापरवाही तो नहीं हुई थी।
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पीड़ितों की बयान:
सविता देवी, पीड़ित: “हमने अपनी मेहनत की कमाई जमा की थी, लेकिन अब कुछ भी नहीं बचा। हमें न्याय चाहिए।”
गुलशरण शर्मा, पीड़ित: “हम लोग रोज़ बैंक जाते थे, लेकिन हमें कभी भी किसी ने सही जवाब नहीं दिया। अब हमारा सब कुछ लुट गया।”
गौरी मंडल, पीड़ित: “यह फर्जीवाड़ा हम सबके साथ हुआ है। हम चाहते हैं कि आरोपियों को सख्त सजा मिले।”
पुलिस ने जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है और मामले की जांच जारी है।