प्रदीप विद्रोही
भागलपुर। ईस्टर्न रेलवे के मालदा डिवीजन ने भारतीय रेलवे में विद्युत संचालन के 100 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया। यह शताब्दी उत्सव जमालपुर के OHE और PSI डिपो में आयोजित किया गया। जिसमें मालदा डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) मनीष कुमार गुप्ता की मार्गदर्शन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों में चित्रकला प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और संगोष्ठी शामिल थीं, जो विद्युत संचालन के भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में अहम योगदान को उजागर करने के उद्देश्य से थीं। दिनभर चले इस उत्सव की शुरुआत चित्रकला प्रतियोगिता से हुई, जिसमें जूनियर और सीनियर श्रेणियों के छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। विजेताओं को विद्युत संचालन के महत्व के बारे में उनके कलात्मक चित्रण के लिए पुरस्कार दिए गए।
इसके अलावा, एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य विद्युतकरण के इतिहास और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था, और यह सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों में बौद्धिक जिज्ञासा को प्रेरित करने में सफल रही। संतोष कुमार, सहायक डिवीजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर (TRD) जमालपुर ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विद्युत संचालन के रेल नेटवर्क पर transformative प्रभाव के बारे में विचार साझा किए। विद्युत संचालन भारतीय रेलवे के विकास की नींव रहा है, जिसने तेज, हरित और अधिक विश्वसनीय सेवाओं का मार्ग प्रशस्त किया है, श्री कुमार ने कहा।
यह शताब्दी हमारे लिए गर्व का पल है, और हम मालदा डिवीजन में उत्कृष्टता की इस धरोहर को आगे बढ़ाने की उम्मीद रखते हैं। भारतीय रेलवे के विद्युतकरण की यात्रा 3 फरवरी 1925 से शुरू हुई, जब पहली इलेक्ट्रिक EMU ट्रेन विक्टोरिया टर्मिनस और कुर्ला के बीच बंबई हार्बर लाइन पर चली थी। यह पहला कदम आज के विद्युतीकृत नेटवर्क के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिसने राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि और स्थिरता में योगदान दिया।