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चौक-चौराहों पर दर्जनों युवक बैठकर करते हैं वाहनों का इंतजार

कानून-व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाते हुए, वाहन से खदेड़कर जबरन करते हैं वसूली

कभी भी हो सकता है बड़ा सड़क हादसा, पुलिस प्रशासन अनजान

एसपी ने कहा, होगी कार्रवाई

बसंत कुमार चौधरी,नवगछिया

नवगछिया : पुलिस जिला अंतर्गत एनएच 31 पर इन दिनों एक वसूली गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह खुद को वाहन फाइनेंस कंपनी का एजेंट बताकर, दोपहिया, चौपहिया और बड़े वाहनों को जबरन रोककर चालकों से वसूली करता है। पिछले कुछ वर्षों से इस गिरोह के खिलाफ कई शिकायतें आ रही हैं। ज्ञात हो कि पूर्व में नवगछिया और भवानीपुर ओपी पुलिस ने कुछ वाहन फाइनांसरों को पकड़कर जेल भेजा था, फिर भी ये गिरोह बेखौफ होकर अपना काम कर रहे हैं। जब पुलिस गश्त करती है, तो गिरोह के सदस्य गायब हो जाते हैं। हालांकि, कुछ पुलिसकर्मी इस गिरोह से संपर्क में हैं, जो पहले ही उन्हें सूचना पहुंचा देते हैं। यदि कोई मामला थाना तक पहुंच भी जाता है, तो सभी मिलकर आराम से निपटा लेते हैं।

यह गिरोह भवानीपुर थाना क्षेत्र से लेकर खारीक और झंडापुर थाना क्षेत्र तक, राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर दर्जनों की संख्या में दिन-रात सक्रिय रहता है। गिरोह के सदस्य दिन में मोटरसाइकिल और रात में चारपहिया वाहन में सवार होकर वाहनों की रेकी करते हैं। गिरोह के लोग भवानीपुर थाना क्षेत्र के बिरबन्ना, नवोदय नगरपारा चौक, इंदिरा मंच, झंडापुर थाना क्षेत्र के नन्हकार इमली चौक, महंत स्थान चौक, बिहपुर बस स्टैंड, चोरहर ढाला, खारीक के बगरी चौक पर खड़े होकर ऐप के माध्यम से वाहनों का रजिस्ट्रेशन और फाइनेंस की स्थिति की जानकारी लेते हैं। यदि वाहन पर फाइनेंस बकाया है, तो ऐसे वाहनों को मोटरसाइकिल से खदेड़कर रुकवाते हैं और उन्हें किस्त बकाया और वाहन जब्त करने की धमकी देकर सौदा करते हैं। इस तरह से 10 हजार से 40 हजार रुपये तक वसूली की जाती है। गिरोह के सदस्य वाहन देखकर वसूली के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। जब रकम कम होती है, तो कार में बैठे व्यक्ति द्वारा चालान और गाड़ी जब्त करने का डर दिखाकर रकम बढ़ाने की बात कही जाती है। इस प्रकार, गिरोह के लोग कानून और प्रशासन को नजरअंदाज करते हुए खुलेआम वसूली करते हैं। कुछ स्थानों पर वाहनों को जब्त कर रखने के लिए यार्ड भी बनाए गए हैं। गिरोह का क्षेत्र बांटा हुआ है, और यह लोग अपने-अपने क्षेत्र में वाहनों को खदेड़कर रोकते हैं और वसूली करते हैं।

गौरतलब है कि इस गिरोह के कुछ सदस्यों को नवगछिया के तेतरी और नारायणपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके बाद अवैध वसूली का यह सिलसिला कुछ समय के लिए बंद हो गया था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यह गिरोह फिर से सक्रिय हो गया है। हर दिन, गिरोह के सदस्य मोटरसाइकिल और कार से वाहनों को तेज गति से खदेड़कर रोकते हैं, जिससे सड़क पर टक्कर का खतरा बना रहता है। वाहन फाइनांसरों का यह तरीका कभी भी बड़े सड़क हादसे का कारण बन सकता है। विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि इस अवैध धंधे के तार भागलपुर से पटना और आरटीओ कार्यालय तक जुड़े हुए हैं, और इसमें जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी सामने आता रहा है। इसके अलावा, एक और टीम एनएच 31 के विभिन्न चौक-चौराहों पर स्मैक, गांजा और शराब का कारोबार भी फैला रही है। हालांकि पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसका खास असर नहीं दिख रहा है।

इस संबंध में नवगछिया पुलिस अधीक्षक प्रेरणा कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और गिरोह के सदस्यों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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