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नवगछिया। अनुमंडल क्षेत्र के गोपालपुर प्रखंड स्थित आवासीय ज्ञान वाटिका विद्यालय का भागलपुर के सीनियर डिप्टी कलेक्टर कृष्ण मुरारी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय के पठन-पाठन, शौचालय की स्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, कक्षाओं की व्यवस्था, विभिन्न गतिविधियों और अन्य बुनियादी सुविधाओं का गहनता से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीनियर डिप्टी कलेक्टर कृष्ण मुरारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा आरटीआई एक्ट के तहत निजी विद्यालय के 25% कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाई करने में छूट दी जा रही है और उन्होंने इस छूट की सही तरीके से व्यवस्था की जांच की। बच्चों का ट्यूशन, पोशाक, पुस्तकें निःशुल्क है, जिसका रजिस्टर के आधार पर फिजिकल सत्यापन हेतु निरीक्षण किया गया। साथ ही बच्चों से भी पुछताछ की गई। उनका मुख्य उद्देश्य यह था कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से पालन किया जा रहा है और यह सुनिश्चित करना कि इन योजनाओं का लाभ सही छात्रों तक पहुंचे।
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उन्होंने व्यवस्थाओं का गहनता से मूल्यांकन किया। उन्होंने विद्यालय में अध्यापन कार्य की गुणवत्ता का आकलन किया और यह सुनिश्चित किया कि शिक्षकों की उपस्थिति और कक्षाओं में शिक्षा देने के तरीके में कोई कमी न हो। इसके अलावा, उन्होंने स्कूल की साफ-सफाई, शौचालय की स्थिति और स्कूल परिसर के अन्य बुनियादी ढांचे का भी जायजा लिया। कृष्ण मुरारी ने कहा, ट्यूशन, पोशाक व पाठ्य पुस्तक में कितना खर्च हुआ है, क्लेम मांग की मांग विद्यालय प्राचार्य से की गई है, डाउनलोड नही हो सका है, जल्द ही क्लेम मिलने के बाद आगे की कार्यवाई करेंगे। वही शिकायत मिलने पर अन्य विद्यालय की जांच भी की जाएगी। विद्यालय प्राचार्य राजेश कुमार झा ने बताया कि यह निरीक्षण पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। निरीक्षण के दौरान सभी चीज़ें गुणवत्तापूर्ण पाई गईं। वहीं मौके पर प्राचार्य के डिग्री, कक्षाओं की स्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, शौचालयों की सफाई, स्कूल की साफ-सफाई और अन्य आवश्यक सुविधाओं की बारीकी से जांच की है सभी चीज़ें सही पाई गईं और अधिकारी भी संतुष्ट दिखे। इस निरीक्षण के बाद नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में स्थित निजी विद्यालयों में हड़कंप मच गया है।
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विद्यालयों के संचालक अब अपनी कागजी कार्रवाई पूरी करने में व्यस्त हो गए हैं ताकि कोई भी समस्या न हो और उनका विद्यालय सरकारी नियमों और मानकों के अनुरूप हो। सूत्रों के अनुसार निजी विद्यालयों के संचालक अब अधिक सतर्क हो गए हैं और वे अपनी स्कूलों की सुविधाओं और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। वहीं सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के निरीक्षणों से निजी विद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विद्यालय सरकारी मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं। यह औचक निरीक्षण न केवल गोपालपुर प्रखंड बल्कि समूचे नवगछिया क्षेत्र में स्थित अन्य निजी विद्यालयों के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आया है। अब विद्यालयों के संचालकों को अपनी व्यवस्थाओं और कागजी कार्रवाई में कोई चूक नहीं होने चाहिए, क्योंकि सरकारी अधिकारियों की जांच किसी भी समय हो सकती है।
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