

भागलपुर के घंटाघर चौक पर शनिवार सुबह अतिक्रमण हटाने के दौरान एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक फल दुकानदार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस घटना के बाद वहां के दुकानदारों और मृतक के परिवार वालों ने जमकर हंगामा किया, जिसके कारण इलाके में भारी तनाव और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
शनिवार की सुबह, यातायात विभाग की टीम, जो अतिक्रमण हटाने का अभियान चला रही थी, जब घंटाघर चौक पर पहुंची, तो वहां फल विक्रेता 55 वर्षीय महेंद्र साह अपनी दुकान पर खड़े थे। अचानक महेंद्र साह को हार्ट अटैक आ गया, और वह गिर पड़े। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
महेंद्र साह की मौत के बाद, उनके परिवार के लोग और अन्य स्थानीय दुकानदार गुस्से में आ गए और उन्होंने सड़क पर आगजनी की और जाम लगा दिया। सड़क पर मृतक के शव को लेकर लोग बैठ गए और शव के पास ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस द्वारा किए गए बर्ताव ने महेंद्र साह की जान ली।
मृतक की पत्नी का आरोप:
मृतक की पत्नी कमला देवी ने इस घटना के बाद यातायात डीएसपी आशीष कुमार सिंह और उनकी टीम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान उनके पति को पुलिस ने डांटा और लाठियां चलाईं, जिससे महेंद्र साह को तनाव बढ़ गया और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। कमला देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूरी कार्रवाई अत्यंत कठोरता से की, जबकि महेंद्र साह पहले से ही बीमार थे।
स्थानीय दुकानदारों का कहना था कि महेंद्र साह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उन्हें पहले भी हार्ट अटैक आ चुका था। दुकानदारों ने यह भी बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस का रवैया बहुत आक्रामक था, जिससे महेंद्र साह की तबीयत बिगड़ी और उन्हें हार्ट अटैक आ गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। शहर के विधायक अजीत शर्मा और सदर एसडीएम धनंजय कुमार भी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिवार वालों से बातचीत की। पुलिस का कहना है कि अतिक्रमण हटाना उनका कर्तव्य था और वे नियमों के तहत कार्रवाई कर रहे थे, हालांकि इस दुखद घटना के लिए वे शोक व्यक्त करते हैं।
मृतक के स्वजनों ने सरकार से 10 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग की। उनके समर्थन में अन्य दुकानदार भी सड़क पर उतर आए और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा मिले। उन्होंने यह भी मांग की कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सड़क पर आगजनी और यातायात जाम:
मृतक के परिवार और दुकानदारों के आक्रोश ने पूरे इलाके को प्रभावित किया। सड़क पर आगजनी की घटना हुई और घंटों तक यातायात बाधित रहा। कचहरी चौक से घंटाघर की ओर आने वाले सभी वाहनों को डायवर्ट किया गया। सदर अस्पताल से घंटाघर की ओर जाने वाली सड़क को भी ब्लॉक कर दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
अग्निशमन दल की कार्रवाई:
घटना के डेढ़ घंटे बाद, अग्निशमन दल ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट:
स्थानीय लोगों का कहना है कि महेंद्र साह को पहले भी हार्ट अटैक आ चुका था और वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। हालांकि, अतिक्रमण हटाने के दौरान अचानक आई तनावपूर्ण स्थिति ने उनकी हालत बिगाड़ दी।
मामला बढ़ सकता है:
इस घटना ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस की कार्रवाई में अधिक संवेदनशीलता और सावधानी बरती जानी चाहिए। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रहे हैं और मृतक के परिवार से मिलने वाली मांगों पर विचार कर रहे हैं।