

भागलपुर में नाथनगर स्थित जैन धर्मशाला में “शिक्षा बचाओ – संविधान बचाओ” सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। इस सम्मेलन में भागलपुर जिले से बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्वान और शिक्षा विशेषज्ञ शामिल हुए।
डॉ. लक्ष्मण यादव ने अपने भाषण में कहा कि आज न केवल शिक्षा, बल्कि भारतीय संविधान भी खतरे में है। उन्होंने कहा कि संविधान वह मूल आधार है जिस पर देश की व्यवस्था टिकी हुई है, और इसे कमजोर करने की साजिशें चल रही हैं। उन्होंने नए शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे लागू करने के नाम पर शिक्षा को बेचा जा रहा है और गरीबों के अधिकारों को छीना जा रहा है।

वहीं, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया और भारतीय संविधान की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग हमेशा से शिक्षा और संविधान की अहमियत को समझते हुए एक बेहतर और समृद्ध भारत बनाने की कोशिश करते रहे हैं, जिसमें हर हाथ को कलम और किताब मिले।
उन्होंने यह भी कहा कि आज शिक्षा और संविधान दोनों ही खतरे में हैं, और इनकी रक्षा करना देश और समाज के लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह भी साफ किया कि यदि शिक्षा बचती है, तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
यह सम्मेलन बिहार में संविधान और शिक्षा की रक्षा के लिए एक बड़ी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है, और इसके माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान और शिक्षा की रक्षा करें।